बाल विकास मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ की अहम बैठक
आंगनवाड़ी यूनियनों को उनकी जायज मांगें मानने का दिया आश्वासन
चंडीगढ, 6 अगस्त (विश्ववार्ता) सामाजिक सुरक्षा, महिला और बाल विकास मंत्री डॉ. बलजीत कौर की अध्यक्षता में प्री-प्राइमरी बच्चों के विकास के लिए शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई, जिसमें विभाग से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गई। बैठक के दौरान, डॉ. बलजीत कौर ने आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की विभिन्न यूनियनों के प्रतिनिधियों की बात सुनी। उनकी मुख्य मांगों में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को प्री-नर्सरी शिक्षक का दर्जा देना और 2017 में 3 से 6 साल की उम्र के बच्चों को, जिन्हें सरकारी प्राइमरी स्कूलों में शिफ्ट कर दिया गया था, वापस आंगनवाड़ी केंद्रों में भेजना शामिल था।
सामाजिक सुरक्षा और महिला बाल विकास मंत्री ने आंगनवाड़ी यूनियनों की मांगों पर शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ विस्तार से चर्चा की और यूनियन सदस्यों को विश्वास दिलाया कि उनकी हर जायज़ मांग को पूरा करने के लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे। इसके अलावा मंत्री ने कहा कि 0-6 साल का समय हर बच्चे के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है, जब उसे शारीरिक, भावनात्मक, मनोवैज्ञानिक और सामाजिक समर्थन की सबसे अधिक आवश्यकता होती है क्योंकि यह उनके भविष्य की नींव रखता है।
इसलिए उन्होंने विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे जिला स्तर पर अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर (विकास) की अध्यक्षता में जिला शिक्षा अधिकारी (प्राइमरी) और जिला कार्यक्रम अधिकारियों की समितियों का गठन करें। यह समिति अपने जिले में स्थित आंगनवाड़ी केंद्रों का दौरा करके बुनियादी आवश्यकताओं के संबंध में एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट पेश करेगी।
कैबिनेट मंत्री ने मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा कि जहां उनकी सरकार हर वर्ग की भलाई के लिए प्रयासरत है, वहीं बच्चों के विकास के लिए भी लगातार काम कर रही है। इस मौके पर बैठक में सामाजिक सुरक्षा, महिला और बाल विकास के विशेष प्रमुख सचिव राजी पी. श्रीवास्तवा, स्कूल शिक्षा के प्रबंधकीय सचिव कमल किशोर यादव, सामाजिक सुरक्षा, महिला और बाल विकास के निदेशक डॉ. शेना अग्रवाल और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।