बांग्लादेश हिंसा पर भारत सरकार का बड़ा कदम
हिंदुओं की सुरक्षा को देखते हुए अमित शाह ने गठित की कमेटी
प्रधानमंत्री ने भी हिंदुओं की रक्षा सुनिश्चित करने की अपील
चंडीगढ, 10 अगस्त (विश्ववार्ता) भारत सरकार ने बांग्लादेश में हो रही हिंसा को देखते हुए भारत-बांग्लादेश सीमा पर मौजूदा स्थिति की निगरानी के लिए एक समिति का गठन किया है।
यह समिति बांग्लादेश में अपने समकक्ष अधिकारियों के साथ बातचीत करेगी, ताकि वहां के नागरिकों, हिंदुओं और दूसरे अल्पसंख्यक समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। गृह मंत्री अमित शाह ने इसकी जानकारी दी है।बता दें कि बांग्लादेश में कई हिंदुओं को निशाना बनाया गया है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बताया कि बांग्लादेश के मौजूदा हालात को देखते हुए मोदी सरकार ने कमेटी का गठन किया। कमेटी का अध्यक्ष सीमा सुरक्षा बल पूर्व क्षेत्र के एडीजी को बनाया गया है। इसके अलावा बीएसफ दक्षिण बंगाल के आईजी, आईजी बीएसफ त्रिपुरा, भारतीय भूमि पत्तन प्राधिकरण के योजना और विकास विभाग के सदस्य और सचिव कमेटी में सदस्य होंगे।
क्चस्स्न पूर्वी कमान के ्रष्ठत्र के अलावा, समिति में बीएसएफ फ्रंटियर मुख्यालय दक्षिण बंगाल के महानिरीक्षक, बीएसएफ फ्रंटियर मुख्यालय त्रिपुरा के ढ्ढत्र, भारतीय भूमि बंदरगाह प्राधिकरण के सदस्य (योजना एवं विकास) और सचिव सदस्य होंगे। गृह मंत्रालय भी बांग्लादेश में रह रहे भारतीय हिंदू समुदाय और अन्य अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए वहां की अंतरिम सरकार से सीधे बातचीत करेगी और सीमा पर भी नजर बनाए रखेगा।
बांग्लादेश हिंदू बौद्ध ईसाई एकता परिषद ने कहा कि इस हफ्ते 64 में से 45 जिलों में हिंदुओं को निशाना बनाया गया है। 5 अगस्त को कम से कम 10 हिंदू मंदिरों पर हमला किया गया। उत्तर-पश्चिमी बांग्लादेश के ठाकुरगांव के सरकारी अधिकारी मोहम्मद रकीबुल हसन ने कहा कि लगभग 700-800 हिंदुओं ने हमलों के बाद भारत भागने की कोशिश की। हालांकि, सुरक्षा आश्वासन देने के बाद वे लौट आए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस को बधाई दी और हिंदुओं सहित सभी नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की।
प्रधानमंत्री ने लिखा, ‘हम हिंदुओं और अन्य सभी अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए सामान्य स्थिति में जल्द वापसी की उम्मीद करते हैं। भारत शांति, सुरक्षा और विकास के लिए दोनों देशों के लोगों की साझा आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए बांग्लादेश के साथ काम करने के लिए प्रतिबद्ध है।’