बडी खबर:शंभू बॉर्डर को खोलने को लेकर सुप्रीम कोर्ट का बडा फैसला आया सामने
नेशनल हाइवे को कब तक बंद करके रख सकते हैं : सुप्रीम कोर्ट
हरियाणा सरकार को मिली बडी राहत
किसानों की मांगों को लेकर गठित होगी समिति
चंडीगढ, 24 जुलाई (विश्ववार्ता) बडी खबर सामने आ रही है कि शंभू बॉर्डर मामले में सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल यथास्थिति बनाए रखने के आदेश दिए हैं। कोर्ट ने कहा कि बड़े मुद्दों पर ध्यान देने की जरूरत है। बतां दे कि किसान आंदोलन की वजह से हरियाणा सरकार ने यहां बैरिकेडिंग कर इसे बंद कर रखा है। बॉर्डर खोलने को लेकर हरियाणा सरकार ने हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह एक स्वतंत्र समिति गठित करने का प्रस्ताव देता है। यह समिति किसानों और अन्य हितधारकों से संपर्क उनकी मांगों का व्यावहारिक समाधान निकालेगी, जो निष्पक्ष, न्यायसंगत और सभी के हित में हो।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा तटस्थ व्यक्तियों को किसानों से बात कर उनकी समस्याओं का पता लगाना चाहिए। हम इसके लिए एक स्वतंत्र समिति बनाने का प्रस्ताव रखते हैं. हरियाणा और पंजाब दोनों से किसानों तक पहुंचने के लिए प्रतिष्ठित व्यक्तियों के नाम सुझाने को कहा गया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग को अंतहीन रूप से अवरुद्ध करके आम जनता को असुविधा नहीं पहुंचाई जा सकती. सुनवाई के दौरान हरियाणा ने कहा कि अगर पंजाब खोलता है तो वे भी सीमा खोलने के लिए तैयार हैं. इस मामले में एक हफ्ते बाद सुनवाई होगी।
हरियाणा सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बहस की. उन्होंने कहा कि हम भी जनता की असुविधा से चिंतित हैं, लेकिन वहां अब भी 500-500 प्रदर्शनकारी मौजूद हैं. जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि आखिरकार आप राज्य हैं. आपको कोई ना कोई समाधान निकालना चाहिए. जनता की परेशानियों को लेकर हम भी चिंतित हैं, लेकिन प्रदर्शनकारी ट्रैक्टर ट्रॉली के साथ हैं, जो पंजाब से दिल्ली की तरफ जाना चाहते हैं. जस्टिस सूर्यकांत ने पूछा- क्या आप इन ट्रैक्टर ट्रॉलियों को आने की अनुमति दिए बिना इसे खोल सकते हैं। तुषार मेहता ने कहा कि ये निर्देश कभी भी अज्ञात लोगों के खिलाफ लागू नहीं किया जा सकता. जस्टिस कांत ने कहा कि आपको किसानों तक पहुंचने के लिए कुछ पहल करने की जरूरत है. आपको किसी न्यूट्रल अंपायर से बात करनी चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर वो बिना ट्रैक्टर के दिल्ली आते हैं तो? आपने क्या उनसे बात करने की कोशिश की? क्या आपने उनके भरोसा जितने की कोशिश की? अगर आप मंत्री भेजते हैं बात करने को तो वो समझेंगे कि वो सरकार का पक्ष रख रहे हैं. किसी दूसरे को भेजने की क्यों नही सोच रहे हैं? तुषार ने कहा कि नेशनल हाइवे जेसीबी, ट्रैक्टर ट्राली आदि के लिए इस्तेमाल नहीं हो सकता, वरना वो लोग दिल्ली में ब्लॉक कर देंगे।
एसजी ने कहा कि हम इस सुझाव को सरकार के सामने रखेंगे. स्ष्ट ने कहा कि आपको एक ऐसा व्यक्ति भेजना होगा, जो दोनों तरफ से हो. आप नेशनल हाइवे को कब तक बंद कर के रख सकते हैं. एसजी ने कहा कि लेकिन नेशनल हाइवे पर जेसीबी और ट्रैक्टर ट्रॉली की इजाजत नहीं दे सकते. तुषार ने कहा कि हाईकोर्ट के एक्सपेरिमेंटल बेसिस पर हाइवे खोलने के आदेश पर रोक लगनी चाहिए. जेसीबी आदि को वार टैंक बना दिया गया है. अदालत ये तस्वीरें देखें. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कोई कृषि एक्सपर्ट पंजाब या हरियाणा का भेज सकते है? एसजी इसके बारे में अदालत को सूचित करेंगे. जेसीबी और ट्रैक्टर को वार ट्रैंक के रूप में बनाया गया है।
तुषार मेहता ने कहा कि एक कल्याणकारी राज्य के रूप में हम किसी भी अप्रिय घटना को बर्दाश्त नहीं कर सकते. वे राष्ट्रीय राजमार्ग पर प्रतिबंधित हैं. एमवी अधिनियम इसकी अनुमति नहीं देता है. जेसीबी और अन्य टैंकरों को युद्ध टैंकों में बदल दिया जाता है. कृपया तस्वीरें देखें. मैं जिम्मेदारी की भावना के साथ कह रहा हूं. जस्टिस भुयान ने कहा कि उन्हें कहीं तो रहना ही होगा।