पंजाब सहित पूरा उत्तर भारत भीषण गर्मी की चपेट मे ,इन राज्यों में रेड अलर्ट जारी
भीषण गर्मी से पूरा पंजाब लू की चपेट मे, बाजार सूने जीवन हुआ अस्त व्यस्त
जरूरी होने पर ही निकलें घर से -मौसम विभाग
चंडीगढ, 21 मई (विश्ववार्ता) राजधानी दिल्ली समेत कई राज्य भीषण लू की चपेट में हैं। मौसम विभाग ने अलर्ट जारी किया गया है। बीते दिन बाड़मेर देश का सबसे गर्म स्थान रहा, यहां पारा 48 डिग्री के पार पहुंच गया। इस मौसम में रिकॉर्ड किया अभी तक का सबसे ज्यादा तापमान है। पूरा राजस्थान तपती गर्मी से हालाकान है। भीषण गर्मी की वजह से राजस्थान में अब तक 6 लोगों की मौत हो चुकी है। पूरा उत्तर भारत लगातार सातवें दिन भी लू की चपेट में रहा। वहीं शेष भाग में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।
मौसम विभाग ने फिलहाल पूरे राजस्थान के 22 जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है।
मौसम विभाग ने राजस्थान के लिए जारी किए बुलेटिन में कहा है कि अगले एक हफ्ते तक पूरे राज्य में गर्मी से राहत के कोई आसार नहीं है। दिल्ली एनसीआर, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा फिलहाल भीषण गर्मी की मार झेल रहे हैं। इनके अलावा उत्तर भारत के अधिकांश राज्यों मे तापमान लगातार 43 डिग्री से ऊपर बना हुआ है. इनके अलावा गुजरात के लोग भी फिलहाल 45 डिग्री की गर्मी झेल रहे हैं।
आईएणडी ने राजस्थान के 22 जिलों में लू और भीषण गर्मी के चलते रेड अलर्ट जारी किया है। इसके अलावा पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और दिल्ली के लिए भी अलर्ट जारी किया है. ज्यादातर इलाकों में तापमान 45 डिग्री या उसके आस-पास रहने की संभावना है। इन राज्यों में रात को भी गर्म हवाओं का अहसास हो रहा है और तापमान 30 डिग्री से ऊपर बना हुआ है।
जरूरी होने पर ही घर से निकलें
मौसम विभाग के अनुसार ऐसे में हीट स्ट्रोक की संभावना बढ़ जाती है। इसलिए गर्मी में बच्चे और वृद्धजनों को मौसम विभाग की एडवायजरी के मुताबिक कम से कम ही घर से निकलना चाहिए. वहीं बाकी लोगों को भी जरूरी काम होने पर ही घर से निकलने की सलाह दी गई है। इसके अलावा खुद को हाइड्रेटेड रखने को भी कहा गया है।
लू से बचने के कुछ उपाय
-दोपहर के समय घर से बाहर निकलते समय अपने साथ एक कपड़ा रखें ताकि आप उससे अपना सिर, गर्दन और कान ढक सकें।
-पानी कई बीमारियों का इलाज है। दस्त से बचने के लिए दिन में कई बार पानी, नींबू पानी पियें।
-पानी में ग्लूकोज मिलाकर पियें। इससे शरीर में पानी की कमी तो दूर होगी ही, एनर्जी भी बनी रहेगी।
-छात्रों और शिक्षकों को सलाह दी गई है कि वे समाचार पत्र पढक़र या टीवी और रेडियो सुनकर मौसम संबंधी खबरों से अपडेट रहें। अपने फोन पर मौसम डाउनलोड करने का भी सुझाव दिया गया है।
-सलाह में यह भी कहा गया है कि जलयोजन महत्वपूर्ण है और इसलिए बड़ी मात्रा में पानी का सेवन करना चाहिए। इसके साथ ही एडवाइजरी में कहा गया है कि अगर आप हृदय, किडनी या लीवर की बीमारियों से पीडि़त हैं या कम पानी पीते हैं तो डॉक्टरी सलाह से तरल पदार्थ बढ़ाने के कदम उठाने चाहिए।
क्या करें
* घर से बाहर का काम दिन के ठंडे समय जैसे सुबह और शाम के दौरान किया जाना चाहिए।
* प्यास न होने पर भी हर आधे घंटे में पानी पिएं। मिर्गी या हृदय रोग, गुर्दे या यकृत रोग से पीडि़त लोग जो तरल पदार्थ-प्रतिबंधित आहार पर हैं, उन्हें पानी का सेवन बढ़ाने से पहले डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए।
(बाहर काम करते समय हल्के रंग के पूरी बाजू के कपड़े पहनें। कोशिश करें कि गर्मियों में सूती कपड़े ही पहनें।
*अपने सिर को सीधी धूप से ढकने के लिए छाता, टोपी, तौलिया, पगड़ी या दुपट्टे का प्रयोग करें।
*नंगे पैर बाहर न निकलें, धूप में निकलते समय हमेशा जूते या चप्पल पहनें।
* धूप में काम करने वाले लोगों को शरीर का तापमान उचित बनाए रखने के लिए छाया में आराम करना चाहिए या सिर पर गीला कपड़ा रखना चाहिए।
*धूप में बाहर जाते समय हमेशा पानी साथ रखें।
*मौसमी फल और सब्जियां जैसे तरबूज, संतरा, अंगूर, खीरा और टमाटर खाएं क्योंकि इनमें पानी की मात्रा अधिक होती है।
*जो लोग आपके घर या कार्यालय में सामान या भोजन की डिलीवरी के लिए आते हैं उन्हें पानी पिलाएं।
* नींबू पानी, लस्सी, नारियल पानी जैसे घरेलू पेय पदार्थों का उपयोग और खपत बढ़ाएँ।
*अपनी त्वचा की सुरक्षा के लिए सनस्क्रीन और आंखों की सुरक्षा के लिए काला चश्मा पहनें।
*कम खाना खाएं और अधिक बार खाएं।
*ठंडे पानी से बार-बार नहाएं।
*छतों पर छप्पर डालकर या सब्जियां उगाकर तापमान को कम रखा जा सकता है।
*यदि व्यायाम कर रहे हैं, तो धीरे-धीरे शुरू करें और इसे कुछ दिनों तक बढ़ाएं।
*पारंपरिक उपचार जैसे प्याज का सलाद और कच्चे आम को नमक और जीरा के साथ खाने से हीट स्ट्रोक से बचा जा सकता है।
क्या न करें
* दोपहर 12 बजे से 3 बजे के बीच धूप में बाहर जाने से बचें।
* गर्म समय में खाना पकाने से बचें, रसोई को अच्छी तरह हवादार रखने के लिए दरवाजे और खिड़कियां खुली रखें।
* शराब, चाय, कॉफी और कार्बोनेटेड और अत्यधिक मीठे पेय पदार्थों का सेवन कम से कम करें क्योंकि ये वास्तव में शरीर के तरल पदार्थ को खत्म कर देते हैं।
* तले हुए भोजन से परहेज करें, बासी भोजन न करें।
* बच्चों या पालतू जानवरों को बंद वाहन में न छोड़ें।
ऐसे लक्षण जिनके लिए चिकित्सा ध्यान देने की आवश्यकता
* मानसिक संतुलन में परिवर्तन के साथ बेचैनी, बोलने में कठिनाई, चिड़चिड़ापन, एटैक्सिया (बोलने में कठिनाई), हकलाना, दौरे पडऩा आदि।