पंजाब सरकार पर एनजीटी ने लगाया इतने करोड़ रुपये का भारी भरकम पर्यावरण जुर्माना
NGT ने एक महीने के अंदर रिपोर्ट देने को कहा, मुख्य सचिव को नोटिस
चंडीगढ, 22 अगस्त (विश्ववार्ता) NGT (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) ने पंजाब सरकार पर 1026 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है। यह जुर्माना पुराने कचरे और सीवरेज डिस्चार्ज के मैनेजमैंट पर ठोस कदम न उठाने के कारण लगाया गया है। NGT ने राज्य सरकार को एक महीने के अंदर जुर्माना और रिपोर्ट देने के लिए कहा है। मामले की अगली सुनवाई 27 सितंबर को होगी।
एनजीटी ने पंजाब राज्य के मुख्य सचिव और शहरी विकास विभाग के प्रधान सचिव/अतिरिक्त मुख्य सचिव को नोटिस जारी कर कारण बताने को कहा है कि अधिनियम, 1974 की धारा 43 और 48 के साथ धारा 24 के तहत अपराध करने और एनजीटी अधिनियम, 2010 की धारा 26 के तहत न्यायाधिकरण के आदेश का पालन न करने के लिए उचित मंच पर मुकदमा क्यों न चलाया जाए। एनजीटी ने जवाब दाखिल करने के लिए एक महीने का समय दिया है। मामले की अगली सुनवाई 27 सितंबर को होगी।
NGT ने अपने आदेश में कहा कि पंजाब में इस समय 53.87 लाख टन पुराना कचरा पड़ा हुआ है। 2 साल पहले यह कचरा 66.66 लाख टन था। मतलब के 2 साल में राज्य सरकार सिर्फ 10 लाख टन कचरे को ही डिस्पोज कर पाई है। इस स्पीड से काम चलता रहा तो इसे डिस्पोज करने में 10 साल लग जाएंगे।
आदेशों का पालन नहीं कर रही सरकार
NGT ने अपने नए आदेशों में कहा कि मुख्य सचिव 2080 करोड़ रुपए के रिंग-फेंस खाते के निर्माण संबंधी साल 2022 के आदेशों का भी पालन करने में असफल रहे हैं। उल्लंघन और आदेश न मानना NGT के अधिनियम 2010 की धारा 26 के तहत अपराध है।