पंजाब यूनिवर्सिटी की वाइस चांसलर डॉ. रेनू विज ने प्रिंसिपलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के दिये आदेश
पढिये क्या है पूरा मामला
चंडीगढ़, 1 जुलाई (विश्ववार्ता) एसोसिएशन ऑफ यूनाइटेड कॉलेज टीचर्स पंजाब और चंडीगढ़ ने पंजाब यूनिवर्सिटी की वाइस चांसलर डॉ. रेनू विज से उन कॉलेज प्रिंसिपलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने को कहा है जो रिटायरमेंट के बाद शिक्षकों को पूरी ग्रेच्युटी नहीं दे रहे हैं। घई ने सवाल उठाते हुए कहा कि अगर कॉलेजों के पास पैसा नहीं है तो इस बात की जांच होनी चाहिए कि प्रिंसिपलों ने 20-20 लाख की बड़ी कारें छात्रों के पैसे से प्रिंसिपलों कैसे लेकर दी इसकी जाचं होनी चाहिए।
संगठन के सचिव प्रो. जसपाल सिंह एवं प्रवक्ता प्रो. तरुण ने बताया कि वाइस चांसलर को पत्र लिखकर स्मरण कराया गया है कि आपके विश्वविद्यालय ने पत्रांक ए-1, 4222 दिनांक 2/6/2023 के माध्यम से सभी यूनिवर्सिटियों के अधीन आते निर्देश दिया है कि रियायर्ड अध्यापकों को ग्रैच्युटी 1/1/2016 से 10 लाख रुपये के बजाय 20 लाख रुपये दी जाएगी।
प्रो. घई ने कहा कि 2016 के बाद सैकड़ों शिक्षक सेवानिवृत्त हो चुके हैं, लेकिन पंजाब के किसी भी कॉलेज और चंडीगढ़ के एक-दो कॉलेजों को छोड़ कर किसी कालेज ने भी यूनिवर्सिटियों के आदेशों का पालन नहीं किया है।
प्रो. घई ने प्रेस के साथ वह दस्तावेज भी सांझा किया जिसमें बताया गया है कि प्रत्येक कॉलेज 2010 से 1500 रुपये हर साल जोकि अब 2774 रुपए है, सेवानिवृत्ति लाभ निधि के तहत ले रहे है। इस फंड से शिक्षकों को उनकी ग्रेच्युटी, लीव इन कैशमेंट, पीएफ आदि दिया जाना है। घई ने कहा कि पिछले 15 वर्षों में कॉलेजों ने इस फंड के तहत करोड़ों रुपये एकत्र किए हैं, लेकिन जब शिक्षक सेवानिवृत्त होते हैं, तो उन्हें बताया जाता है कि कॉलेज के पास पैसा नहीं है।