पंजाब के इस जिले में फैली भयानक बीमारी ने स्वास्थ्य विभाग मे मचा हडकंप
आप भी रहे सचेत, नही होना पडेगा परेशान
चंडीगढ़, 17 जुलाई (विश्ववार्ता) पंजाब के जिला पटियाला में डायरिया के मरीज बढऩे से स्वास्थ्य विभाग अलर्ट हो गया है। स्वास्थ्य विभाग पटियाला ने गांव झिल्ल और आस-पास के इलाकों अमन बाग, बाबा दीप सिंह नगर और रत्न नगर में डायरिया के प्रकोप की रिपोर्ट के बाद सर्वे किया। विभाग द्वारा पानी के नमूने लिए गए और ओ.आर.एस और जिंक की गोलियां घर-घर बांटीं गई। सिविल सर्जन कम चीफ मैडीकल अफसर पटियाला के निर्देशों पर डा. संजय गोयल, डा. सुमित सिंह जिला ऐपीडीमोलोजिस्ट पटियाला और डा. दिवजोत सिंह इंचार्ज आई.डी.एस.पी. पटियाला की देख-रेख में सर्वे और सैंपलिंग गतिविधियां करवाई गई। एरिया मैडीकल अफसर डा. गुरचन्दन दीप सिंह भी अपने स्टाफ सहित उपस्थित थे, मरीजों के साथ मुलाकात की और मैडीकल जांच उपरांत अगली देखभाल के लिए तुरंत उच्च केन्द्रों में रैफर किया।
इस तरह फैलता है डायरिया
बरसाती मौसम के दौरान कटे फल, चटपटी चीजें, धूल-मिट्टी की चपेट में आए खाद्य पदार्थ, मिलावटी दूध, दही, पनीर, पानी कम पीना, भारी खाना खाने आदि से डायरिया फैलता है। डायरिया के लक्षण उल्टियां, दस्त होना, बुखार होना, पेट में दर्द होना, दिल कच्चा होना, चमड़ी खुश्क हो जाना, मुंह सूखना, पेशाब कम आना, आंखों में थकावट रहना, कुछ खाने का मन न करना, शरीर में दर्द होना आदि।
ये बरतें मुख्य सावधानियां
साफ-सुथरा और ताजा खाना खाएं। बाहरी चटपटी चीजों से करें परहेज।हाथ धोकर भोजन करें।पानी अधिक मात्रा में पीना चाहिए।डायरिया होने पर नींबू व ओ.आर.एस. के घोल को और ज्यादा मात्रा में लें।बाजारी दूध, दही के साथ बनी चीजों को खाने से बचें। भारी खाना अधिक मात्रा में न खाएं।
दस्त को रोकने के प्रमुख उपायों में शामिल हैं:
सुरक्षित पेयजल तक पहुंच
बेहतर स्वच्छता का उपयोग
साबुन से हाथ धोना
जीवन के पहले 6 महीनों तक केवल स्तनपान
अच्छी व्यक्तिगत और खाद्य स्वच्छता
संक्रमण कैसे फैलता है, इस बारे में स्वास्थ्य शिक्षा
रोटावायरस टीकाकरण.
निर्जलीकरण
दस्त से होने वाला सबसे गंभीर खतरा निर्जलीकरण है। दस्त के दौरान, पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स (सोडियम, क्लोराइड, पोटेशियम और बाइकार्बोनेट) तरल मल, उल्टी, पसीने, मूत्र और सांस के माध्यम से खो जाते हैं। निर्जलीकरण तब होता है जब इन नुकसानों की भरपाई नहीं की जाती है।
महत्वपूर्ण तथ्यों
1-59 महीने की उम्र के बच्चों में डायरिया की बीमारी मौत का तीसरा सबसे बड़ा कारण है। इसे रोका जा सकता है और इसका इलाज भी संभव है।
प्रत्येक वर्ष डायरिया से 5 वर्ष से कम आयु के लगभग 443,832 बच्चे तथा 5 से 9 वर्ष की आयु के 50,851 बच्चे मरते हैं।
सुरक्षित पेयजल और पर्याप्त साफ-सफाई एवं स्वच्छता के माध्यम से दस्त रोग के एक महत्वपूर्ण हिस्से को रोका जा सकता है।
विश्व स्तर पर हर वर्ष बाल दस्त रोग के लगभग 1.7 बिलियन मामले सामने आते हैं।
पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों में दस्त कुपोषण का एक प्रमुख कारण है।