नीट यूजी-2024 पर आया सुप्रीम कोर्ट का बडा फैसला
सुप्रीम कोर्ट ने दोबारा कराने की गुहार ठुकराई
चंडीगढ, 24 जुलाई (विश्ववार्ता): सुप्रीम कोर्ट ने नीट-यूजी 2024 के असफल अभ्यर्थियों को बड़ा झटका देते हुए उन याचिकाओं को खारिज कर दिया जिनमें विवादों से घिरी इस परीक्षा को रद्द कर दोबारा आयोजित कराने की मांग की गई थी। इसके साथ ही न्यायालय ने कहा कि इसकी विश्वसनीयता के व्यवस्थित तरीके से प्रभावित होने और अन्य गड़बड़ियों को दर्शाने वाली कोई सामग्री रिकॉर्ड में नहीं है।
न्यायालय का यह अंतरिम फैसला है और बाद में विस्तृत फैसला सुनाया जाएगा। इस अंतरिम फैसले से केंद्र सरकार और राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) को बड़ी राहत मिली है, जो पांच मई को संपन्न परीक्षा में प्रश्नपत्र लीक सहित बड़े पैमाने पर कथित गड़बड़ी को लेकर सड़कों से लेकर संसद तक कड़ी आलोचना एवं विरोध का सामना कर रही हैं।
प्रधान न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला एवं न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने केंद्र और राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता एवं वरिष्ठ अधिवक्ताओं नरेंद्र हुड्डा, संजय हेगड़े और मैथ्यूज नेदुमपरा सहित विभिन्न वकीलों की दलीलें करीब चार दिनों तक सुनीं।
पीठ फैसला सुरक्षित रखने के बजाय शाम करीब 4:50 बजे फिर बैठी और आदेश सुनाना शुरू किया। पीठ ने कहा, “इस तरह के मामले में अदालत के अंतिम निष्कर्ष वर्तमान चरण में दर्ज किए जाने चाहिए क्योंकि इस विवाद को निश्चितता और अंतिम रूप प्रदान करने की तत्काल आवश्यकता है, जो 20 लाख से अधिक छात्रों के करियर को प्रभावित करता है।”
पीठ ने कहा कि नीट परीक्षा 05 मई को आयोजित की गई थी और परिणाम 4 जून को घोषित किए गए थे। परीक्षा में लगभग 23 लाख 33 हजार अभ्यर्थी उपस्थित हुए। मेडिकल स्नातक स्तर की पढ़ाई के लिए 1.08 लाख सीटें हैं, जिनमें से 56000 सीटें सरकारी कॉलेजों में और बाकी निजी संस्थानों में हैं। शीर्ष अदालत ने केंद्र और एनटीए का प्रतिनिधित्व करने वाले सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और याचिकाओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता नरेंद्र हुड्डा, संजय हेगड़े और एडवोकेट मैथ्यूज जे नेदुम्परा सहित अन्य की दलीलें चार दिनों तक सुनने के बाद फैसला सुनाया