नीट-यूजी का पेपर लीक मामले को लेकर सीजीआई का बडा बयान आया सामनेे
पेपर तो लीक हुआ है यह बात तो साफ है-सीजीआई
कहा दोबारा परीक्षा के लिए आदेश देने से पहले हम यह जानेंगे
चंडीगढ 9 जुलाई (विश्ववार्ता) सुप्रीम कोर्ट ने आज को विवादों से घिरी मेडिकल एंट्रेंस टेस्ट नीट-यूजी 2024 से संबंधित 30 से अधिक याचिकाओं पर सुनवाई की. प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने इन याचिकाओं पर सुनवाई की. कोर्ट में सुनवाई के दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता नरेंद्र हुड्डा ने कहा, छात्र परीक्षा रद्द करने की मांग कर रहे हैं. इस परीक्षा के लिए 9 फरवरी को ऑनलाइन आवेदन जारी किए गए थे और रिजल्ट 4 जून जारी हुआ था. उन्होंने आगे कहा कि 3 मई को एक निजी कॉलेज के कुछ घोटालेबाजों ने परीक्षा के पेपर मांगे और परीक्षा 5 मई को हुई. 4 मई को एक टेलीग्राम चैनल ने प्रश्नपत्र और उत्तर अपलोड किए जिसके बाद परीक्षा 5 मई को हुई।
अधिवक्ता की पूरी बात सुनने के बाद सीजीआई ने पूछा कि नेशनल टेस्ट एजेंसी (एनटीए) ने परीक्षा की घोषणा कब की? इस पर याचिकाकर्ता ने कहा 9 फरवरी को. याचिकाकर्ता के वकील नरेंद्र हुड्डा ने दलील दी कि पेपर की आपूर्ति वाले बैंकों को लेकर भ्रम की स्थिति थी, क्योंकि खबर आई थी कि प्रश्न पत्र भारतीय स्टेट बैंक से आएंगे. उसमें केनरा बैंक से आने की भी बात आ गई. वकील ने आगे कहा कि प्रश्न पत्रों के दो सेट आने थे एक स्टेट बैंक से और दूसरे केनरा बैंक से. बैंक से पेपर परीक्षा से कुछ मिनट पहले आने थे लेकिन वहां देरी हुई. उन्होंने आगे कहा कि नीट 2024 पेपर लीक होने के कई मामले सामने आए हैं. पटना पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है, ये आश्चर्यजनक है कि 67 कैंडिडेट को 100त्न माक्र्स मिले थे.
इस दलील पर सीजेआई ने कहा कि ‘क्या इस बात को माना जाए कि पेपर लीक हुआ है.’ इस पर हृञ्ज्र ने कहा कि पटना में कथित पेपर लीक का मामला आया है, लाभार्थियों को गिरफ्तार किया गया है. इसके बाद याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि बिहार पुलिस का कहना है कि एनटीए ने मानक एसओपी का पालन नहीं किया है।