देश भर में जन्माष्टमी उत्सव के दौरान हुआ कुल इतने हजार करोड का कारोबार
सीएआईटी ने अपनी रिपोर्ट में किया बडा दावा
चंडीगढ, 27 अगस्त (विश्ववार्ता) जन्माष्टमी का त्योहार पूरे देशभर में धूमधाम और हर्ष उल्लास के साथ मनाया गया। दरअसल देशभर के मंदिरों में विशेष रूप से भव्य सजावट की गई, और भक्तों ने अपने घरों में भी पूजा स्थल सजाकर भगवान श्रीकृष्ण के जन्म का उत्सव को धूमधाम के साथ मनाया। वहीं यह पर्व न केवल धार्मिक रूप से देश के लिए महत्वपूर्ण रहा, बल्कि हम आपको बता दें कि यह आर्थिक गतिविधियों के लिहाज से भी देश के लिए अत्यंत सफल सिद्ध हुआ है।
कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (सीएआईटी) के अनुसार, देश भर में जन्माष्टमी उत्सव के दौरान व्यापार में उछाल आया और 25,000 करोड़ रुपये से अधिक का लेनदेन हुआ। ये आंकड़े जन्माष्टमी के जीवंत उत्सवों से प्रेरित त्योहार के दौरान मजबूत उपभोक्ता खर्च को उजागर करते हैं। यह वर्ष के सबसे अधिक व्यावसायिक रूप से सक्रिय त्योहारों में से एक है।
अखिल भारतीय व्यापारी परिसंघ (सीएआईटी) के अनुसार, देश भर में जन्माष्टमी उत्सव के कारण व्यापार में उछाल आया है. और लेनदेन का आंकड़ा 25,000 करोड़ रुपये से अधिक हो गया. ये आंकड़े जन्माष्टमी के जन्म सेलिब्रेशन से प्रेरित त्योहार के दौरान उपभोक्ता खर्च में वृद्धि को दिखाते हैं, जो वर्ष की सबसे अधिक व्यावसायिक रूप से सक्रिय अवधियों में से एक है.
सीएआईटी के राष्ट्रीय महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने बताया कि इस महत्वपूर्ण त्यौहार के दौरान बड़े पैमाने पर बिक्री देखी गई, विशेष रूप से फूल, फल, मिठाई, देवी-देवताओं की पोशाकें, सजावटी सामान, व्रत की मिठाइयां, दूध, दही, मक्खन और सूखे मेवे की. प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि जन्माष्टमी जैसे त्यौहार सनातन अर्थव्यवस्था का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, जो देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करते हैं.
कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया ने कहा कि जन्माष्टमी पूरे देश में बड़े उत्साह के साथ मनाई गई, खासकर उत्तर और पश्चिम भारत में, जहां यह त्यौहार बहुत खुशी के साथ मनाया गया। इस साल 26 अगस्त को पूरे देश में कृष्ण जन्माष्टमी मनाई गई. भक्तों ने पारंपरिक रूप से उपवास रखा और मंदिरों और घरों को फूलों, दीयों और रोशनी से सजाया. मंदिरों को आकर्षक ढंग से सजाया गया था और वहां दर्शन करने वालों की भारी भीड़ थी।