चंडीगढ, 23 अप्रैल (विश्ववार्ता): हनुमान जयंती पूरे देश में धूम-धाम से मनाई जा रही है। देशभर की मंदिरों में सनातन धर्म के लोग बजरंगीबली की पूजा करते हुए आर्शीवाद प्राप्त कर रहे हैं। आम लोगों के साथ ही वीआईपी लोग भी बजरंगी बली के दरबार में पहुंच कर अपनी हाजिरी लाग रहे हैं।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘हनुमान जयंती’ के अवसर पर गोरखनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना की। बजरंगीबली से आर्शीवाद प्राप्त कर मुख्यमंत्री योगी ने देश और प्रदेश की जनता के लिए आर्शीवाद प्राप्त किया। उत्तर प्रदेश में हनुमान जयंती के अवसर पर अयोध्या के हनुमान गढ़ी मंदिर में दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी।
जाखू मंदिर प्रबंधन ने यहां श्रद्धालुओं के लिए विशेष प्रसाद का भी प्रबंध किया है. भगवान हनुमान के जन्मोत्सव के मौके पर उन्हें दो क्विंटल का रोट चढ़ाया जाएगा. सुबह से ही हनुमान भक्तों की भीड़ मंदिर में दर्शन के लिए लग गई है. सुबह के वक्त होने वाली पूजा में भी बड़ी संख्या में भक्तों ने हिस्सा लिया.
जाखू मंदिर में दर्शन करने के लिए दूर-दूर से भक्त यहां आते हैं. जाखू शिमला शहर की सबसे ऊंची पहाड़ी है और यहां भगवान हनुमान की 108 फीट ऊंची मूर्ति भी है. जल्द ही यहां भगवान राम की 111 फीट ऊंची मूर्ति भी लगने वाली है.
शिमला में करीब 8 हजार 048 फीट की ऊंचाई पर विश्व प्रसिद्ध जाखू मंदिर स्थित है. इस मंदिर में भगवान हनुमान की मूर्ति स्थापित है. भगवान हनुमान का दर्शन करने के लिए न केवल देश से बल्कि विदेशों से भी श्रद्धालु आते हैं.
ऐसी मान्यता है कि त्रेता युग में राम-रावण युद्ध के दौरान जब मेघनाथ के बाण से लक्ष्मण मूर्च्छित हो गए, तो सुखसेन वैद ने भगवान राम को संजीवनी बूटी लाने के लिए कहा. इसके लिए भगवान राम ने अपने अनन्य भक्त हनुमान को चुना. अपने प्रभु भगवान श्री राम के आदेशों पर हनुमान संजीवनी बूटी लाने के लिए द्रोणागिरी पर्वत की ओर उड़ चले.