दिल्ली सीएम केजरीवाल को कोर्ट से नही मिली कोई राहत
न्यायिक हिरासत को अब इस तारिख तक बढ़ाया
चंडीगढ, 9 अगस्त (विश्ववार्ता) दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को फिलहाल कोर्ट से कोई बडी राहत नही मिली है। नई दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने दिल्ली आबकारी नीति से जुड़े सीबीआई मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की न्यायिक हिरासत बढ़ा दी। केजरीवाल को तिहाड़ जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में पेश किया गया। विशेष न्यायाधीश (सीबीआई) कावेरी बावेजा ने गुरुवार को अरविंद केजरीवाल की न्यायिक हिरासत 20 अगस्त तक बढ़ा दी। सीबीआई ने न्यायिक हिरासत बढ़ाने की मांग करते हुए अर्जी दी। सीबीआई ने 29 जुलाई को अरविंद केजरीवाल के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी है। उन्हें 26 जून को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था।
केजरीवाल को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 12 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम जमानत दी थी। इससे पहले उन्हें 20 जून को ट्रायल कोर्ट ने नियमित जमानत दी थी। इससे पहले उन्हें मार्च में मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी ने गिरफ्तार किया था। कोर्ट ने केजरीवाल के खिलाफ पूरक चार्जशीट पर पहले ही संज्ञान ले लिया है। उन्हें निचली अदालत ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जमानत दी थी, जिसे दिल्ली उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई थी। इस मामले में सीबीआई ने पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, बीआरएस नेता के. कविता और अन्य आरोपियों को भी गिरफ्तार किया है।
दिल्ली आबकारी नीति मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को उच्च न्यायालय से मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को दी गई जमानत रद्द करने की अपनी याचिका पर विचार करने के लिए एक छोटी स्थगन अवधि मांगी। अदालत ने जमानत रद्द करने के संभावित परिणामों के बारे में भ्रम व्यक्त किया, सवाल किया कि क्या इस तरह के कदम से केजरीवाल की फिर से गिरफ्तारी होगी और कहा, कि “मैं भ्रमित हूं। क्या आप उन्हें फिर से गिरफ्तार करने जा रहे हैं?” दिल्ली उच्च न्यायालय ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से पूछा कि क्या मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जमानत रद्द करने से उनकी फिर से गिरफ्तारी होगी। अदालत की जांच का उद्देश्य जमानत रद्द करने के लिए ईडी की याचिका के निहितार्थ को स्पष्ट करना है।