दिल्ली को पानी देने के अपने बयान से पलटा हिमाचल
सुप्रीम कोर्ट से कहा- नहीं है अतिरिक्त पानी
चंडीगढ, 14 जून (विश्ववार्ता): हिमाचल प्रदेश ने सुप्रीम कोर्ट में अपने बयान से पलटते हुए कहा कि उसके पास अतिरिक्त पानी नहीं है, जिसके बाद शीर्ष अदालत ने दिल्ली सरकार को जल आपूॢत के लिए अपर यमुना रिवर बोर्ड का दरवाजा खटखटाने का निर्देश दिया। न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्र और न्यायमूॢत प्रसन्ना बी वराले की अवकाशकालीन पीठ ने दिल्ली सरकार को शाम पांच बजे तक ‘अपर यमुना रिवर बोर्ड’ को मानवीय आधार पर पानी की आपूॢत के लिए आवेदन प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। हिमाचल प्रदेश सरकार ने पिछला बयान वापस लेते हुए उच्चतम न्यायालय से कहा कि उसके पास 136 क्यूसेक अतिरिक्त पानी नहीं है।
पीठ ने कहा कि राज्यों के बीच यमुना जल बंटवारे का मुद्दा जटिल है और अदालत के पास अंतरिम आधार पर इसका फैसला करने की तकनीकी विशेषज्ञता नहीं है। पीठ ने कहा, इस मुद्दे को 1994 के समझौता ज्ञपन में पक्षों की सहमति से गठित निकाय के विचारार्थ छोड़ दिया जाना चाहिए। पीठ ने कहा, चूंकि यूवाईआरबी पहले ही दिल्ली को मानवीय आधार पर पानी की आपूॢत के लिए आवेदन दाखिल करने का निर्देश दे चुकी है इसलिए अगर आवेदन तैयार नहीं किया गया है तो आज शाम पांच बजे तक तैयार कर लें और बोर्ड शुक्रवार को बैठक बुलाए और दिल्ली सरकार के जलापूॢत आवेदन पर जल्द से जल्द निर्णय ले।
शीर्ष अदालत, दिल्ली सरकार द्वारा दाखिल एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी। याचिका में हिमाचल प्रदेश द्वारा उपलब्ध कराए गए अतिरिक्त पानी को छोडऩे के लिए हरियाणा को निर्देश देने का अनुरोध किया गया था ताकि राष्ट्रीय राजधानी में जल संकट कम हो सके।