दिल्ली के पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर आज आयेगा फैसला
क्या मनीष सिसोदिया को मिलेगी जमानत ?
चंडीगढ, 9 अगस्त (विश्ववार्ता) : उच्चतम न्यायालय दिल्ली की कथित आबकारी नीति घोटाले में भ्रष्टाचार और धनशोधन के मामले में अलग-अलग दर्ज मुकदमों के आरोपी आम आदमी पार्टी (आप) के वरिष्ठ नेता और दिल्ली के पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर शुक्रवार को अपना फैसला सुनाएगा।
न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति के वी विश्वनाथन की पीठ 16 महीने से अधिक समय से जेल में बंद पूर्व उप मुख्यमंत्री सिसोदिया की जमानत याचिका पर अपना फैसला सुनाएगी। फैसला सुरक्षित रखने से पहले जस्टिस बी. आर. गवई और जस्टिस के. वी. विश्वनाथन की पीठ ने ईडी और सिसोदिया की दलीलें सुनीं थीं. उधर, दिल्ली की एक अदालत ने आबकारी घोटाले के सिलसिले में सीबीआई द्वारा दर्ज भ्रष्टाचार के एक मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की न्यायिक हिरासत 20 अगस्त तक बढ़ा दी है।
विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए अदालत में पेश किए जाने के बाद केजरीवाल की हिरासत अवधि बढ़ा दी. अदालत इस मामले में केजरीवाल के खिलाफ सीबीआई की ओर से दायर पूरक आरोपपत्र पर 12 अगस्त को विचार कर सकती है।
दिल्ली हाई कोर्ट ने बुधवार को ईडी से पूछा था कि अरविंद केजरीवाल को दी गई जमानत को चुनौती देने वाली अर्जी में कौन सा पहलू बचा है. आबकारी नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उन्हें सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिल चुकी है. यह अब केवल अकादमिक मुद्दा है. अगर ईडी की याचिका स्वीकार कर ली जाती है तो क्या यह एजेंसी सीएम को फिर गिरफ्तार करेगी?
ईडी के वकील से जस्टिस नीना बंसल कृष्णा ने कहा कि मेरे प्रश्न का उत्तर दीजिए. अगर मैं आपकी याचिका मंजूर कर लेती हूं तो क्या होगा. क्या आप उन्हें फिर अरेस्ट कर लेंगे. इस पर ईडी ने कहा कि गिरफ्तारी का कोई सवाल ही नहीं है. कोर्ट ने कहा कि इस केस में दायर अर्जी इतनी अच्छी से तरह तैयार की गई है कि वह भ्रमित है. क्या यह जमानत के लिए है या अवैध हिरासत के लिए।
क्या है मामला
उच्चतम न्यायालय दिल्ली आबकारी नीति में कथित घोटाले और भ्रष्टाचार के साथ-साथ धन शोधन यानी मनी लॉन्ड्रिंग के इस बहुचर्चित मामले में आज मनीष सिसोदिया की जमानत याचिकाओं पर फैसला सुनाएगा। बता दें कि सिसोदिया को रद्द हो चुकी दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 बनाने, इसके कार्यान्वयन में कथित अनियमितताओं में संलिप्तता के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। पहले 26 फरवरी, 2023 को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने गिरफ्तार किया था। बाद में कई अलग-अलग आरोपों के तहत प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने भी सिसोदिया पर शिकंजा कसा।