*जिला जत्थेदारों, हलका प्रभारियों ने की पंथ और पंजाब को नेतृत्वहीन बनाने की साजिश की कड़ी निंदा
सुखबीर सिंह बादल के नेतृत्व पर पूरा भरोसा जताया
भाजपा ने एजेंसियों की कठपुतली के रूप में काम करने के लिए अवसरवादी तत्वों की निंदा की
चंडीगढ़, 25 जून: शिरोमणि अकाली दल के जिला अध्यक्षों और हलका प्रभारियों ने आज पंथ और पंजाब के दुश्मनों द्वारा एक गहरी साजिश के तहत देश और इसकी एकमात्र प्रतिनिधित्व करने वाली पार्टी अकाली दल को कमजोर करने के लिए कुछ अवसरवादी और गुमराह तत्वों के इस्तेमाल की कड़ी निंदा की।
अकाली दल के जिला अध्यक्षों और हलका प्रभारियों ने सरकार की छत्रछाया में एजेंसियों द्वारा रची गई साजिशों के तहत पंथ और पंजाब को नेतृत्वहीन बनाने के प्रयासों की भी कड़ी निंदा की।
यहां अकाली दल के जिला अध्यक्षों और प्रभारियों की बैठक में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर पार्टी ने साफ कहा कि भाजपा और सरकारी एजेंसियां शिरोमणि अकाली दल को कमजोर करने और तोड़ने की साजिशों में शामिल हैं। भाजपा शह प्राप्त यह निराश सदस्य अलग पार्टी बनाकर या पार्टी में रहकर पार्टी को कमजोर करने की पुरजोर कोशिश कर रहे हैं, लेकिन उन्हें सफल नहीं होने दिया जाएगा।
प्रस्तावों में पार्टी के निडर और अथक जरनैल सुखबीर सिंह बादल को साहस और दृढ़ संकल्प के साथ लड़ने और इस महत्वपूर्ण समय में पार्टी को दिए गए अटूट और दूरदर्शी नेतृत्व के लिए उनके नेतृत्व पर पूरा भरोसा जताया गया।
आज की बैठक में 35 जिला जत्थेदारों में से 33 और 105 प्रभारियों में से 96 ने भाग लिया, जिन्होंने सरदार सुखबीर सिंह बादल के नेतृत्व की सराहना की।
33 जिला अध्यक्षों में से 28 व्यक्तिगत रूप से उपस्थित थे, जबकि 5 अन्य पारिवारिक कारणों से बैठक में शामिल नहीं हो सके, लेकिन उन्होंने लिखित रूप से अध्यक्ष का समर्थन किया है।
दोनों बैठकों में सदस्यों ने भाजपा द्वारा सिखों को नेतृत्वहीन बनाने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल करने और अकाली दल को कमजोर करने व तोड़ने की साजिश रचने पर गहरी चिंता व्यक्त की और कहा कि यह केवल सिखों पर राजनीतिक और धार्मिक हमला है। प्रस्तावों में सांप्रदायिक सिद्धांतों की कीमत पर और पंजाब और पंजाबियों के हितों के खिलाफ भाजपा के साथ समझौता न करने के सरदार बादल के रुख की सराहना की गई।
सदस्यों ने पार्टी अध्यक्ष से अपील की कि जो लोग पार्टी, पंथ और पंजाब के दुश्मनों के एजेंट के रूप में काम कर रहे हैं और संगत में पार्टी के पंथक एजेंडे के बारे में भ्रामक प्रचार कर रहे हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। प्रस्तावों में राष्ट्रपति के भारी दबाव के बावजूद सिख समुदाय, पंजाब और पार्टी के मामलों में समझौता न करने और कड़ा रुख अपनाने की सराहना की गई।
बैठकों को संबोधित करते हुए बादल ने बताया कि कैसे उन्होंने सभी को सम्मान दिया और उनके लिए पार्टी के हितों से ऊपर कुछ भी नहीं था। उन्होंने कहा कि मेरा अपना परिवार भी मेरे लिए पार्टी के बाद है।
लोकसभा चुनाव में भाजपा के साथ समझौते को लेकर अनिश्चितता और भ्रम के आरोपों पर बादल ने कहा कि यह दुविधा केवल उन लोगों के बीच रही जो पंजाब व खालसा पंथ के हितों और सिद्धांतों की कीमत पर भी भाजपा के साथ गठबंधन करना चाहते थे।
उन्होंने कहा कि उन्होंने लोकसभा चुनाव से पहले ही कोर कमेटी को साफ कर दिया था कि वह बीजेपी के साथ गैर-सैद्धांतिक गठबंधन के खिलाफ हैं। उन्होंने कहा कि जिस राष्ट्र को मैं अपना राष्ट्र कहता हूं, उसका पार्टी अध्यक्ष होने के नाते मैं संप्रदाय, किसानों, गरीबों और वंचित लोगों के हितों के साथ विश्वासघात नहीं कर सकता।
उन्होंने कहा कि मैं अकाली दल को पंथ विरोधी साजिशों की कठपुतली नहीं बनने दे सकता, जो लोग पंथ, पंजाब, किसानों और समाज के दबे-कुचले लोगों को धोखा देना चाहते हैं, वे ऐसा कर सकते हैं। उन्होंने अनुशासन तोड़ने वालों की ओर भी इशारा किया। उन्होंने कहा कि अकाली दल कठिन समय में हमेशा पंथ और पंजाब के साथ खड़ा रहा है और उनकी पार्टी पंथ सिद्धांतों पर दृढ़ रहेगी।
जिला जत्थेदारों और हलका प्रभारियों ने सिद्धांतों पर कड़ा रुख अपनाने और भाजपा के साथ गठबंधन करने से इनकार करने के लिए सुखबीर सिंह बादल की प्रशंसा की और घोषणा की कि उनके लिए सिद्धांत राजनीति से ऊपर हैं।
आज की बैठक में सदस्यों ने मांग की कि धोखेबाजों (जिन्होंने अपना जमीर भाजपा या अन्य संप्रदाय विरोधी ताकतों को बेच दिया है) को किसी भी कीमत पर पार्टी में वापस नहीं आने दिया जाना चाहिए।