टेक्नोलॉजी के मामले में दुनिया मे चीन का वर्चस्व लगातार बढता हुआ
चीन में जमकर हो रहा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल …
कानून बनाने की मांग
चंडीगढ़, 29 जून (विश्ववार्ता) टेक्नोलॉजी के मामले में चीन काफी आगे है, यह सभी जानते हैं. फेसियल रिकॉग्निशन जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस चीन के लोगों की जिंदगी का एक हिस्सा बन चुके हैं. खरीददारी करते समय फेसियल रिकॉग्निशन से भुगतान किया जा सकता है, यात्रा करते समय इससे ट्रेन में सवार हो सकते हैं, मोबाइल फोन का लॉक खोल सकते हैं. आजकल यह व्यापक रूप से प्रयोग किया जा रहा
जैसा कि हम जानते हैं कि आज के दौर में कृत्रिम बुद्धिमत्ता यानी एआई एक अहम भूमिका निभा रही है। तकनीक के इस महत्वपूर्ण समय में हम इसके महत्व को नकार नहीं सकते हैं। क्योंकि लगातार इसका इस्तेमाल बढ़ता ही जा रहा है। हालांकि एआई का उपयोग बढ़ने के साथ-साथ चुनौतियां भी सामने आ रही हैं। एआई के दुरुपयोग के मामलों से इसकी उपयोगिता के उद्देश्य पर सवाल उठ रहे हैं। इसके बावजूद एआई के प्रति लोगों में काफी उत्सुकता है, जो इसे अपनाने में पीछे नहीं रहना चाहते हैं। लेकिन विशेषज्ञ इस बारे में चिंता जताते रहे हैं क्योंकि एआई को लेकर अभी तक कोई विशेष कानून नहीं बन सके हैं।
विशेषज्ञों के मुताबिक एआई को लेकर डेटा स्वामित्व, निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा, संचलन लेनदेन, राजस्व वितरण और सुरक्षा शासन के संबंध में व्यवहार में आगे की खोज और विनियमन करने की जरूरत है। लेकिन कहा जा रहा है कि अल्पावधि में एआई तकनीक के लिए विभाग-विशिष्ट कानून या डोमेन-विशिष्ट कानून आवश्यक हैं। हालांकि, एआई तकनीक कानून में लंबे समय में संपूर्ण कानूनी प्रणाली का गहरा परिवर्तन शामिल है।
जाहिर है कि एआई का तेज विकास हो रहा है, ऐसे में जल्द से जल्द एआई कानून बनाये जाने की वकालत हो रही है। फिर भी शुरुआती दौर में होने के कारण चीन में एआई की वर्तमान समझ कानून बनाने के लिए आवश्यक स्तर पर नहीं है। लेकिन समय के साथ लोगों की इस बारे में समझ बढ़ेगी। यह भी कहा जा सकता है कि सिर्फ एक व्यापक कोड के जरिए समस्या का समाधान नहीं किया जा सकता है।
लेकिन इन दिनों चीन में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का काफी इस्तेमाल हो रहा है। क्योंकि चीन तकनीक के क्षेत्र में पीछे नहीं रहना चाहता है। भविष्य में एआई की मांग और तेज होगी, जिस तरह से तकनीक ने तमाम जगहों पर अपना स्थान मजबूत किया है। उसी तरह एआई भी लोगों के जीवन का अहम हिस्सा बनने जाएगी। इसे देखते हुए चीन इस दिशा में अग्रणी भूमिका निभाना चाहता है।