चंडीगढ मे लोकसभा चुनाव की सीट पर 1 जून को होगा चुनाव
चंडीगढ़ के 77 विभिन्न क्षेत्रों में ज्यादातर संवेदनशील बूथ
चंडीगढ़, 12 अप्रैल (विश्ववार्ता)चंडीगढ़ लोकसभा चुनावों में मतदाताओं को लुभाने के पैंतरे राजनीतिक पार्टियां न अपनायें ये हो नहीं सकता।चुनाव विभाग ने शहर के लगभग 23 प्रतिशत मतदान केंद्रों को असुरक्षित माना है। भले ही इस बार 23 प्रतिशत बूथ असुरक्षित बताये जा रहे हैं, लेकिन पिछले चुनावों की तुलना में यह संख्या काफी कम हो गई है। चंडीगढ़ में 1 जून को लोकसभा चुनाव हैं और यह देश में हो रहे चुनावों का आखिरी चरण होगा। शहर में अब तक 6,47,291 लोग मतदाता के रूप में नामांकित किये गये हैं, जो शहर में बनाये गए 614 मतदान केंद्रों और स्टेशनों पर अपना वोट डालेंगे। जानकारी के अनुसार कुल 614 मतदान केंद्रों में से 139 बूथ संवेदनशील माने गए हैं।
चंडीगढ़ के 77 विभिन्न क्षेत्रों में ज्यादातर संवेदनशील बूथ हैं जहां आर्थिक तौर पर कमजोर वर्ग के लोग रहते हैं। गांव के कुछ इलाके भी इसमें शामिल हैं। ऐसे क्षेत्रों में जो वोटर हैं उनके बैकराऊंड को देखा जाता है। पता लगाया जाता है कि इनकी क्रिमिनल हिस्टरी क्या है और चुनावों के दौरान इनका किस तरह का आचरण रहा है। ऐसे कमजोर तबके या आपराधिक छवि के लोगों को मुफ्त गिफ्ट या अन्य चीजें और अन्य वादों से आसानी से लुभाया जा सकता है। इन पर नजर रखने के लिये पुलिस और चुनाव आयोग ने विशेष प्रबंध किये हैं। चुनाव आयोग ने ऐसे 365 लोगों की पहचान की है जो चुनाव के दौरान गड़बड़ी पैदा कर सकते हैं।
इनमें ज्यादातर क्रिमिनल बैकराऊंड के हैं। ये आपराधिक छवि के लोग वोटरों को भी लुभाने में माहिर हैं। राजनीतिक पार्टियां इनका धड़ल्ले से प्रयोग करती हैं और अपने प्रत्याशी या पार्टी के लिये वोट करवाती हैं। यूटी पुलिस की एसएसपी कंवरदीप कौर के अनुसार पुलिस ने करीब 350 लोगों को चुनाव गतिविधि में खलल पैदा करने की आशंका वाली सूची में डाला है। पुलिस ऐसे तत्वों पर सख्ती से नजर रख रही है। जैसी जरूरत होगी, वैसे कदम पुलिस इनके खिलाफ उठायेगी
चंडीगढ़ में इस बार संवेदनशील बूथों की संखया में कमी आई है। हालांकि 23 प्रतिशत बूथ चुनाव आयोग की तरफ से संवेदनशील बताये जा रहे हैं लेकिन अगर बीते चुनावों की तुलना में देखें तो इसमें काफी कमी आई है। वर्ष 2019 के चुनावों में कुल 587 बूथों में से 212 बूथ संवेदनशील माने गये थे। 2014 में 519 बूथों में से 167 बूथ संवेदनशील माने गये थे। चुनाव आयोग भी चुनावों में कानून-व्यवस्था बरकरार रखने के लिये पूरा जोर लगा रहा है ताकि निष्पक्ष व पारदर्शी तरीके से चुनाव हो सकें। मिली जानकारी अनुसार उन इलाकों में स्पेशल फोर्सिस तैनात की जा रही हैं जहां चुनाव में खलल की आशंका है। सभी बूथों की वैबकॉस्टिंग भी कराई जाएगी। इन इलाकों में माइक्रो ऑब्जर्वर भी तैनात किये गये हैं जो इलाके की हर आपराधिक गतिविधि पर नजर रखेंगे। चुनाव आयोग के अनुसार जिन बूथों पर किसी प्रत्याशी के लिये 90 प्रतिशत से ऊपर या 75 प्रतिशत से ऊपर वोट डली है उसे क्रिटिकल बूथ माना जाता है। ऐसे पोलिंग स्टेशन भी इस गिनती में आते हैं जहां पोलिंग महज 10 प्रतिशत से कम हो। इस लिहाज से चंडीगढ़ में कोई क्रिटिकल बूथ नहीं आता लिहाजा इसको लेकर चुनाव आयोग को कोई चिंता नहीं।