चंडीगढ़ मे लोकतंत्र का महापर्व शुरू
भीषण गर्मी व लू के बीच कुल इतने उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला आज होगा ईवीएम मे बंद
सिटी ब्युटीफुल चंडीगढ़ में करीब इतने लाख मतदाता चुनेंगे अपना नया सांसद
80 पार बुजुर्गों से ज्यादा है पहली बार वोट डालने वाला यूथ
चंडीगढ़, 1 जून (विश्ववार्ता): पंजाब व हरियाणा राज्यों की राजधानी चंडीगढ़ आज लोकतंत्र का महापर्व शुरू हो गया है। एक संसदीय सीट से इस बार कुल 19 उम्मीदवार मैदान में है। इस बार चढ़ता हुआ पारा और लू मतदाताओं का इम्तिहान लेगी। मतदान को लेकर प्रशासन ने चौक चौबंद प्रबंध किए हैं। शुक्रवार शाम पोलिंग पार्टियों अपने-अपने केंद्रों पर पहुंच गए।
आंकड़ों के अनुसार, चंडीगढ़ में कुल मतदाताओं में से करीब 47 प्रतिशत मतदाता 39 साल तक के हैं। इनमें से भी 22 प्रतिशत मतदाता 29 साल की उम्र तक के ही हैं, जो सांसद के चुनाव में निर्णायक भूमिका निभाएंगे। आगामी लोकसभा चुनाव के लिए जारी मतदाता सूची के आधार पर इस बार शहर में कुल मतदाताओं की संख्या करीब 6 लाख 47 हजार है।
उम्र के आधार पर मतदाताओं आंकड़े जुटाकर विश्लेषण किया तो सबसे महत्वपूर्ण तथ्य यह सामने आया कि सबसे अधिक एक लाख 40 हजार 212 मतदाता 18 से 29 साल के बीच के हैं, जो कुल मतदाताओं का 22 प्रतिशत हैं। इनके अलावा 30 से 39 साल के मतदाताओं की संख्या 1 लाख 62 हजार 639 है, यानी कुल मिलाकर 18 से 39 साल तक के मतदाताओं की संख्या 3 लाख 2 हजार 851 है, जो करीब कुल संख्या का 47 प्रतिशत है। यह युवा वर्ग में माना जाता है।
इस बार चुनाव का एक और दिलचस्प पहलू यह है कि 80 पार के मतदाताओं से अधिक संख्या तो 18-19 साल के मतदाताओं की है, जो पहली बार वोट डालेंगे। शहर में 80 साल से अधिक उम्र के मतदाताओं की संख्या 11,547 है, जबकि 19 साल तक के मतदाता 15,006 है। शहर में 60 से 79 उम्र के बुजुर्गों की संख्या भी कम नहीं है। इस उम्र वर्ग में कुल 91,599 मतदाता हैं। एक रोचक पहलू यह भी है कि 70-79 उम्र वर्ग के बीच महिलाओं की संख्या पुरुषों से भी ज्यादा है। इसमें पुरुषों की संख्या 14,808 है लेकिन महिलाओं की संख्या 15,152 है। अन्य सभी उम्र वर्ग में पुरुष महिलाओं से ज्यादा हैं।
चंडीगढ़ शहर का इतिहास 8000 साल पुराना है. इस शहर को लेकर कहा जाता है कि यहां पर दुनिया की सबसे पहली संस्कृति हड़प्पा काल के लोग रहा करते थे. मध्ययुगीन काल में ये शहर बहुत ही समृद्ध हुआ करता था और उस वक्त यह पंजाब प्रांत का हिस्सा हुआ करता था. साल 1947 में आजादी के बाद इस पूरे क्षेत्र को दो हिस्सों में बांट दिया गया. इसमें एक पश्चिम प्रांत था और दूसरा पूर्व पंजाब था. देश में 1952 में पहली बार हुए लोकसभा चुनाव में ये संसदीय क्षेत्र अस्तित्व में नहीं था. इसके बाद साल 1967 में इसे लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र बनाया गया और यहां पर पहली बार लोकसभा चुनाव कराए गए.
चंडीगढ़ भारत का एक अनूठा शहर है जो पंजाब और हरियाणा राज्य के बीच स्थित है. यह भारतीय स्थापत्यकला का एक अद्वितीय उदाहरण है और इसे शहरी नियोजन, डिज़ाइन और स्थापत्यकला के लिए विश्वस्तरीय माने जाते हैं. चंडीगढ़ का नाम चंडी देवी के नाम पर रखा गया है, जो हिन्दू धर्म की देवी दुर्गा की रूप मानी जाती है. यह शहर 20वीं सदी के मध्य में ब्रिटिश भारत के पंजाब प्रांत में स्थापित किया गया था. चंडीगढ़ एक संगठित तरीके से डिज़ाइन किया गया है, जो कि सडक़ों, सडक़ों की नेटवर्क, और आवश्यक सुविधाओं के लिए जाना जाता है. इसमें सुविधाएं और खुले स्थलों का एक सुंदर संयोजन है जो लोगों को स्वास्थ्यपूर्ण और उत्तेजना भरी जीवन जीने के लिए उपलब्ध कराता है।