क्या मधुमेह माता या पिता से विरासत में मिलता है ?
माता-पिता की ये आदत बच्चों को बना सकती है डायबिटीज का शिकार …
चंडीगढ, 4 अगस्त (विश्ववार्ता) दुनियाभर में बड़ी संख्या में बच्चे डायबिटीज का शिकार हो रहे हैं। कई बार बच्चों में मां के पेट से ही ब्लड शुगर लेवल हाई पाया जाता है। डायबिटीज ऐसी बीमारी है जो धीरे-धीरे आपके पूरे शरीर को खोखला बना देती है। शरीर में ब्लड शुगर बढ़ने से दूसरे अंगों पर भी असर पड़ता है। इसीलिए डायबिटीज को साइलेंट किलर माना जाता है। 10 से 14 साल की उम्र के बच्चों में डायबिटीज तेजी से बढ़ने वाली बीमारी है। इसकी वजह माता पिता की कई आदतें और खराब लाइफस्टाइल को माना जा रहा है। हेल्थ एक्सपर्ट से जानते हैं कि बच्चों में बढ़ती डायबिटीज के कारण क्या हैं और इसे कैसे कम किया जाए?
एक रिपोर्ट की मानें तो दुनियाभर में साल 1990 की तुलना में 2019 में 10 से 14 साल के बच्चों में करीब 52 प्रतिशत से ज्यादा बच्चे डायबिटीज के शिकार हुए। वहीं 1 से 4 साल के बच्चों में करीब 30.52 प्रतिशत केस बढ़े हैं। दूसरे देशों के मुकाबले भारत में डायबिटीज के मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं।
डॉ लोरी एलन ने कहा, ‘हमारे नतीजे बताते हैं कि अगर मां को डायबिटीज है, तो बच्चे को डायबिटीज होने से कुछ हद तक सुरक्षा मिलती है, और यह सुरक्षा लंबे समय तक मिलती है। ‘हालांकि, माता-पिता के डायबिटीज का निदान का समय बेहद अहम है, जिसमें कई चीजें शामिल होती है, जैसे माता-पिता को डायबिटीज कब हुआ?, अगर माता-पिता को डायबिटीज बचपन में हुई, तो इसका असर बच्चे पर अलग होगा, और अगर उन्हें डायबिटीज बाद में हुआ, तो इसका असर अलग होगा।
यह निर्धारित करने के लिए आगे रिसर्च की जरूरत है कि गर्भ में पल रहे शिशु को टाइप 1 डायबिटीज के संपर्क में आने की वजह क्या हो सकती है? अब सवाल है कि, ‘ अगर महिला का गर्भावस्था के दौरान डायबिटीज (टाइप 1) का इलाज चल रहा हो तो क्या इसका असर गर्भ में पल रहा बच्चे पर पड़ता है?‘