कोलकत्ता रेपकांड मामले को लेकर चंडीगढ मे आज भी अस्पतालो मे रैजीडैंट चिकित्सकों की हड़ताल जारी
दूर दराज व आम जनता ईलाज न मिलने के कारण हुई बेहाल
चंडीगढ पीजीआई मे आज भी नया पंजीकरण नही
चंडीगढ, 19 अगस्त (विश्ववार्ता) पश्चिम बंगाल में आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में महिला ट्रेनी डॉक्टर के साथ रेप और फिर हत्या के विरोध में देश भर के अलग-अलग मेडिकल कॉलेजों के छात्र विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं वही चंडीगढ मे आज भी सरकारी अस्पतालों में रेजीडेंट चिकित्सकों की हड़ताल सोमवार को भी जारी रहेगी। इन चिकित्सकों के हड़ताल पर जाने के कारण मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। देश में रेजीडेंट चिकित्सक सरकार से चिकित्सकों पर होने वाले हमलों एवं जघन्य कृत्यों को रोकने के लिए कड़े कानून लागू करने की मांग पर अड़े हुए हैं। देश में रेजीडेंट चिकित्सक कोलकाता में रेजीडेंट चिकित्सक से बलात्कार एवं हत्या के विरोध में हड़ताल पर चल रहे हैं। हालांकि इस मामले की सीबीआई जांच के आदेश दिये गए हैं लेकिन चिकित्सक अपनी मांग को मनवाने के लिए जिदद पर अड़े हैं।
पीजीआई में सोमवार को भी नये मरीजों का पंजीकरण नहीं होगा,केवल पुराने मरीजों का फलोअप के लिए उनका पंजीकरण सुबह 8 से9.30 बजे के बीच होगा। यूं कहा जा सकता है कि पीजीआई में सुबह डेढ़ घंटे में जितने पुराने मरीजों का पंजीकरण होगा उन्हें ही फैकल्टी देखेगी। नये आने वाले मरीजों का कोई पंजीकरण नहीं होगा। ऐसे में पीजीआई में दूर दराज से आने वाले मरीजों को फिर से परेशानी का सामना करना पड़ेगा। पहले ही मरीज चार दिन से ओपीडी में उनका पंजीकरण न होने से प्राइवेट चिकित्सकों को दिखाने पर विवश हो रहे हैं। पीजीआई प्रबंधन की ओर से रविवार को जारी बयान में कहा गया कि सोमवार को भी ओपीडी में केवल फालोअप के मरीजों का पंजीकरण होगा।
जहां ओपीडी में 10 हजार के करीब मरीज अपने रोगों की जांच करवाने के लिए आते थे वहां अब 3 हजार के करीब मरीजों का ही पंजीकरण हो रहा है। पीजीआई में रेजीडेंट चिकित्सक केवल वार्डो, एमरजेंसी एवं आईसीयू वार्डो में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। वहीं जीएमसीएच में भी ओपीडी में फैकल्टी ही मरीजों को देख रही हैं लेकिन वहां भी फालोअप मरीजों का ही पंजीकरण हो रहा है। रेजीडेंट चिकित्सकों की हड़ताल के चलते सरकारी अस्पतालों में इलैक्टिव सजर्री नहीं हो रही हैं और ऐसे में वार्डो में उपचाराधीन मरीज अपने रोग की सजर्री करने का इंतजार पिछले पांच दिन से कर रहे हैं। वहीं छोटी मोटी सजर्री के केसों को आगे की डेट दी जा रही है। केवल एमरजेंसी केसों के आप्रेशन एमरजेंसी वार्ड में हो रहे हैं। वहीं पीजीआई में नये मरीजों के पंजीकरण न होने से प्रयोगशाला, एक्सरे विभाग में काम का प्रैशर न के बराबर रह गया है।