चंडीगढ, 11 अगस्त (विश्ववार्ता) भारत का पेरिस ओलंपिक में अभियान एक रजत और पांच कांस्य सहित कुल छह पदकों के साथ समाप्त हो गया. लेकिन दोहरी पदक संख्या का आंकड़ा काफी दूर रह गया। भारत टोक्यो ओलंपिक के पिछले सात पदकों के आंकड़े को भी पार नहीं कर पाया. इन खेलों में भारत की पदक उम्मीदों पर महिला पहलवान विनेश फोगाट का 100 ग्राम वजन अधिक होने का मामला. काफी भारी पड़ा. हालांकि विनेश की संयुक्त रजत मिलने के अपील पर फैसला होना अभी बाकी है. विनेश के मामले पर चर्चा अभी काफी दिनों तक चलेगी. पेरिस ओलंपिक शुरू होने से पहले इस बात को बड़े जोर-शोर से दावा किया जा रहा था कि भारत इस बार ओलंपिक में दोहरी पदक संख्या का आंकड़ा जरूर पार करेगा. लेकिन अंत में जाते-जारी स्थिति छह पदक की रह गयी जिसमें कोई स्वर्ण पदक शामिल नहीं था. स्वर्ण की सबसे बड़ी उम्मीद भाला फेंक एथलीट नीरज चोपड़ा रजत पर ठिठक कर रह गए. भारत के हिस्से पांच कांस्य पदक आये जिसमें दो तो निशानेबाज मनु भाकर ने ही दिलाये।भारत पदक तालिका में छह पदकों के साथ 71वें स्थान पर रहा जो कहीं से भी यह उम्मीद नहीं जगाता है कि भारत भविष्य में खेल महाशक्ति बनेगा. पेरिस खेलों में 16 खेलों में कुल 117 भारतीय एथलीटों ने भाग लिया: तीरंदाजी, एथलेटिक्स, बैडमिंटन, मुक्केबाजी, घुड़सवारी, गोल्फ, हॉकी, जूडो, रोइंग, नौकायन, शूटिंग, तैराकी, कुश्ती, टेबल टेनिस और टेनिस।
भारत ने पेरिस ओलंपिक में छह पदक जीते, एक रजत और पांच कांस्य. हालाँकि ऐतिहासिक प्रदर्शन की उम्मीदें बहुत अधिक थीं, लेकिन देश 2021 में पुनर्निर्धारित टोक्यो ओलंपिक में अपने पिछले सर्वश्रेष्ठ को पार करने से थोड़ा पीछे रह गया, जब उन्होंने सात पदक (1 स्वर्ण, 2 रजत और 4 कांस्य) हासिल किए और 48वें स्थान पर रहा था।