किसानों का रेल रोको आंदोलन जारी
पंजाब व जम्मू रेलवे रूट पर चलने वाली 300 से अधिक ट्रेन प्रभावित
यात्रियों का करना पड रहा है खासा परेशानियों का सामना
रेल रोको आंदोलन से मुसाफिर बेहाल, क्यों आंदोलन कर रहे हैं किसान ?
चंडीगढ, 2 मई (विश्ववार्ता) हरियाणा से सटे पंजाब के शंभू रेलवे स्टेशन के पास किसानों के रेल रोको आंदोलन का आज 16वां दिन है। इस बीच ट्रेनों पर आंदोलन का खासा असर देखने को मिल रहा है। यात्री ट्रेनों की देरी को लेकर लोग काफी परेशान हो रहे हैं। इसके अलावा 101 ट्रेन अपने निर्धारित रूट पर नहीं चलकर परिवर्तित रूट से चलेंगी। इसमें मुख्य रूप से गोरखपुर-अमृतसर, अमृतसर-जयनगर, कोलकाता-जम्मूतवी, आनंद विहार-मुंबई सेंट्रल, नई दिल्ली-कटरा, मुंबई-आनंद विहार, जम्मूतवी-अजमेर समेत कई ट्रेन शामिल हैं।
इसके अलावा 10 से अधिक ट्रेन अपने निर्धारित गंतव्य तक नहीं पहुंचकर आधे रास्ते में ही निरस्त रहेगी। लिहाजा अगर आप भी इस रूट पर सफर करने की सोच रहे है तो अपने ट्रेनों की समय-सारणी पता करके ही स्टेशन पहुंचे। किसान आंदोलन ने रेलवे की समय सारणी को बिगाड़ दिया है। पंजाब व जम्मू रेलवे रूट पर चलने वाली 300 से अधिक ट्रेन प्रभावित हो रही है। गुरुवार व शुक्रवार को 81 से अधिक ट्रेनें निरस्त रहेगी।
पंजाब के शंभू रेलवे स्टेशन पर किसानों के रेल रोको आंदोलन की वजह से यात्रियों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। आंदोलन की वजह से पंजाब और जम्मू रेलवे रूट की आने-जाने वाली ट्रेनें लगातार निरस्त हो रही हैं। गुरुवार को भी बड़ी संख्या में इस रूट पर चलने वाली ट्रेनों को रेलवे ने निरस्त करने का निर्णय लिया है।
किसान आंदोलन ने रेलवे की समय सारणी को बिगाड़ दिया है। पंजाब व जम्मू रेलवे रूट पर चलने वाली 300 से अधिक ट्रेन प्रभावित हो रही है। गुरुवार व शुक्रवार को 81 से अधिक ट्रेनें निरस्त रहेगी। इनमें दिल्ली-कटरा, दिल्ली-मुंबई, दिल्ली-फजिल्का, नई दिल्ली-अमृतसर, दिल्ली-शामली, दिल्ली-जींद, भिवानी-धुरी, सिरसा-लुधियाना, हिसार-लुधियाना, लुधियाना-चूरू, अमृतसर-हिसार, श्रीगंगानगर-ऋषिकेश, रोहतक-हांसी के बीच चलने वाली ट्रेनें शामिल हैं।
किसानों के रेल रोको आंदोलन से ट्रेनों के प्रभावित होने के बाद रेलवे स्टेशन पर यात्रियों को परेशानी के हालात में बैठे देखा जा सकता है। यात्रियों का कहना है कि वे कई-कई घंटों से ट्रेनों का इंतजार कर रहे हैं लेकिन ट्रेन कब आएगी इसका जवाब कोई नहीं दे पा रहा है। परेशान यात्रियों ने सरकार से अपील करते हुए कहा कि किसानों का आंदोलन खत्म करवाया जाए ताकि जनता को कोई परेशानी ना हो। वहीं जिन यात्रियों को किसानों के आंदोलन की खबर है, वे ट्रेनों की टाइमिंग पहले से पता करने के बाद रेलवे स्टेशन पहुंच रहे हैं। वहीं कई लोगों को इसकी जानकारी नहीं है और वे स्टेशन पर आने के बाद ट्रेन का लंबा इंतजार करने को मजबूर है।
केंद्र सरकार ने किसानों से फसलों की खरीद से जुड़े कानून में बदलाव करने के लिए कृषि बिल पेश किया था। इस बिल के जरिए हो रहे बदलावों से किसान खुश नहीं थे। इस वजह से आंदोलन की शुरुआत हुई। पहले सिर्फ पंजाब हरियाणा के किसान सडक़ पर थे, लेकिन बाद में अन्य राज्यों के किसान भी इसमें शामिल हुए और सरकार को यह बिल वापस लेना पड़ा। इसके बाद किसानों का आंदोलन रुका, लेकिन कुछ समय बाद फिर किसान सडक़ों पर आ गए। किसानों की मांग उन किसानों को जेल से छोडऩे की है, जिन्हें आंदोलन के दौरान गिरफ्तार किया गया था। किसान चाहते हैं कि स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश के अनुसार न्यूनतम समर्थन मूल्य के कानून बनाए जाएं। किसानों का कर्ज माफ किया जाए और आंदोलन में जिन किसानों की जान गई है। उनके परिवार को मुआवजा देने के साथ किसी एक सदस्य को नौकरी भी दी जाए।