कान फिल्म महोत्सव में भारतीयों का जलवा
कान फिल्म महोत्सव में मिले तीन पुरस्कार, रचा इतिहास
चंडीगढ, 27 मई (विश्ववार्ता) इस बार कान फिल्म फेस्टिवल में भारतीयों का डंका बज रहा है। जहां मानसी माहेश्वरी और FTII के एक स्टूडेंट ने ला सिनेफ कैटिगरी में अवॉर्ड जीतकर देश का नाम रोशन किया, वहीं कोलकाता की अनसूया सेनगुप्ता ने बेस्ट एक्ट्रेस का अवॉर्ड जीतकर इतिहास रच दिया। और अब पायल कपाड़िया ने कमाल कर दिया है। पायल कपाड़िया पहली ऐसी भारतीय निर्देशक बन गई हैं, जिनकी फिल्म को कान में ग्रैंड प्रिक्स अवॉर्ड मिला। यह पहली बार है जब कान फिल्म फेस्टिवल में किसी भारतीय फिल्म को यह अवॉर्ड मिला है।
यह ‘पाम डी’ओर’ के बाद महोत्सव का दूसरा सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार है। रात को खत्म हुए फिल्म महोत्सव का सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार अमेरिकी निर्देशक सीन बेकर की फिल्म ‘अनोरा’ को मिला। कपाड़िया की फिल्म बृहस्पतिवार रात को प्रर्दिशत हुई। यह 30 वर्ष में मुख्य प्रतियोगिता में प्रर्दिशत होने वाली किसी भारतीय महिला निर्देशक की पहली भारतीय फिल्म है।
मुख्य प्रतियोगिता के लिए चयनित की गई आखिरी भारतीय फिल्म शाजी एन करुण की 1994 में आई ‘‘स्वाहम’’ थी। कपाड़िया को अमेरिकी अभिनेता वियोला डेविस ने ‘ग्रैंड प्रिक्स’ पुरस्कार प्रदान किया। पुरस्कार लेते हुए उन्होंने फिल्म में मुख्य किरदार निभाने वाली तीन अभिनेत्रियों – कानी कुश्रुति, दिव्या प्रभा और छाया कदम का आभार जताया और कहा कि उनके बिना यह फिल्म नहीं बन पाती। कपाड़िया ने कहा, ‘‘मैं बहुत घबराई हुई हूं इसलिए मैंने कुछ लिखा है। हमारी फिल्म यहां दिखाने के लिए कान फिल्म महोत्सव का शुक्रिया।
कृपया किसी और भारतीय फिल्म के लिए 30 साल तक इंतजार मत करना। उन्होंने कहा, ‘‘यह फिल्म मित्रता के बारे में, तीन बहुत ही अलग-अलग मिजाज की महिलाओं के बारे में हैं। कई बार महिलाएं एक-दूसरे के खिलाफ खड़ी हो जाती हैं। हमारा समाज इसी तरीके से बनाया गया है और यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है लेकिन मेरे लिए दोस्ती बहुत महत्वपूर्ण रिश्ता है क्योंकि इससे अधिक एकजुटता, समावेशिता और सहानुभूति पैदा होती है। मलयालम – हिंदी फीचर फिल्म ‘ऑल वी इमेजिन ऐज लाइट’ एक नर्स प्रभा के बारे में है जिसे लंबे समय से अलग रह रहे अपने पति से एक अप्रत्याशित उपहार मिलता है जिससे उसका जीवन अस्त-व्यस्त हो जाता है।þइस फिल्म को कान महोत्सव में दिखाने के बाद आठ मिनट तक खड़े होकर दर्शकों ने तालियां बजायी थीं और अंतरराष्ट्रीय फिल्म आलोचकों ने इसकी शानदार समीक्षा की थी जिसके बाद यह इस पुरस्कार को पाने की दौड़ में सबसे आगे थी। इससे पहले शुक्रवार को बुल्गारिया के निर्देशक कॉन्स्टांटिन बोजानोव की हिंदी भाषी फिल्म ‘द शेमलेस’ के प्रमुख कलाकारों में से एक अनसुया सेनगुप्ता ने 2024 के कान फिल्म महोत्सव में ‘अन सर्टेन रिगार्ड’ श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ अनेत्री का पुरस्कार जीतकर इतिहास रच दिया था।
PAYAL KAPADIA, lauréate du Grand Prix pour ALL WE IMAGINE AS LIGHT.
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PAYAL KAPADIA, award winner of the Grand Prix for ALL WE IMAGINE AS LIGHT.#Cannes2024 #Palmares #Awards #GrandPrix pic.twitter.com/nE16YOvLeC— Festival de Cannes (@Festival_Cannes) May 25, 2024