कर्नाटक उच्च न्यायालय ने हिंदी फिल्म मैदान की स्क्रीनिंग जारी रखने को दी हरी झंडी
अधिवक्ता पूवैया ने तर्क दिया कि मैसूर सिविल कोर्ट के आदेश में उचित तर्क का अभाव है और आदेश 39 नियम 3 सीपीसी के अनुसार अस्थायी निषेधाज्ञा देने के सिद्धांतों का उल्लंघन है। उन्होंने वादी द्वारा प्रस्तुत अपर्याप्त सबूतों पर भी जोर दिया।
कर्नाटक उच्च न्यायालय के इस निर्णय से फिल्म के निर्माण और वितरण में शामिल निर्माताओं और हितधारकों को महत्वपूर्ण राहत मिलेगी।