एलर्जी क्या है, इस बारे में विशेषज्ञ क्या कहते हैं ?
दुनिया में हर साल अस्थमा से ढाई लाख लोगों की जाती है जान
कैसे होगा एलर्जी से बचाव
चंडीगढ, 29 मई (विश्ववार्ता) तेजी से होते शहरीकरण और बदलती जीवनशैली के कारण भारत में लोग एलर्जी से संबंधित बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं. शोध के अभाव और इसके इलाज के प्रति उदासीनता के चलते लोग इस बीमारी की जकड़ में फंसते चले जाते हैं. वल्र्ड एलर्जी आर्गेनाइजेशन की रिपोर्ट के मुताबिक एलर्जी पुराने गैर संचारी रोगों का हिस्सा हैं. हर साल करीब ढाई लाख लोग अस्थमा के कारण मौत के मुंह में समा जाते है।
वहीं त्वचा की एलर्जी तेजी से उग्र रूप धारण कर रही है. करीब 20 करोड़ फूड एलर्जी के मामले सामने आए हैं. दुनिया की 30 से 40 प्रतिशत आबादी एलर्जी से होने वाली बीमारी से ग्रस्त है. वही भारत में 20 से 30 प्रतिशत आबादी खासकर बच्चे एलर्जी की बीमारियों से ग्रस्त हैं।
एलर्जी क्या है, इस बारे में विशेषज्ञ क्या कहते हैं?
इसके बारे में डीडवाना जिले के कुचामन सिटी के आरोग्यम सेटेलाइट क्लीनिक में एक चिकित्सा शिविर में परामर्श देने आए जेएलएन मेडिकल कॉलेज, अजमेर के असिस्टेंट प्रोफेसर और दमा, टीबी, एलर्जी और श्वासरोग विशेषज्ञ डॉक्टर मुकेश गोयल ने बताया की जब हमारा शरीर किसी चीज को लेकर ओवर रिऐक्ट करता है, तो उसे एलर्जी कहते हैं. एलर्जी किसी खाने की चीज, पालतू जानवर, मौसम में बदलाव, कोई फल, फूल या सब्जी के सेवन, खुशबू, धूल, धुआं, दवा यानी किसी भी चीज से हो सकती है. इस स्थिति में हमारा इम्यून सिस्टम कुछ खास चीजों को स्वीकार नहीं कर पाता और नतीजा ऐसे रिऐक्शन के रूप में दिखता है, जिसे मनुष्य शरीर सहन नहीं कर पाता. इस स्थिति में शरीर पर लाल-लाल चकत्ते निकलना, नाक और आंखों से पानी बहना, जी मितलाना, उलटी होना या फिर सांस तेज-तेज चलने से लेकर बुखार तक हो सकता है. ज्यादातर एलर्जी खतरनाक नहीं होती, लेकिन कभी-कभार समस्या गंभीर भी हो सकती है।
डॉ गोयल ने बताया कि हम अपने जीवन शैली में बदलाव करके, व्यायाम को अपनाकर, हेल्दी फूड खाकर और नियमित साफ सफाई के जरिए एलर्जी से बचाव कर सकते हैं. भारत में पिछले कुछ वर्षों में एलर्जी के मरीजों की तादाद बढ़ती जा रही है. ऐसे में जरूरत इस बात की है कि हम विशेषज्ञों की सलाह के मुताबिक न सिर्फ अपने जीवन शैली में बदलाव करें, बल्कि खान-पान में भी तब्दीली लाएं, तभी एलर्जी जैसी बीमारी से बचाव संभव है।