उत्तराखंड के कुमाऊं में आग की लपटों के कारण जंगलों को बड़ा नुकसान
चंडीगढ, 4 मई (विश्ववार्ता) उत्तराखंड के कुमाऊं में आग की लपटों के कारण जंगलों को बड़ा नुकसान पहुंच रहा है। जहां एक और वन संपदा जलकर राख हो रही है, वहीं दूसरी तरफ आसपास के शहर और गांव में इन धधकते जंगलों का प्रभाव देखने को मिल रहा है। शुक्रवार को नैनीताल जिले में फैली भीषण वनाग्नि के कारण नैनीताल में धुंध छाई रही
गर्मियों के मौसम में पर्यटकों की पहली पसंद सरोवर नगरी, नैनीताल की हवा भी इस धुएं के कारण खराब हो गई है।12 मार्च को नैनीताल नगर पालिका में लगी मशीन से प्रदूषण जांचने पर प्रदूषण की मात्रा 82.6 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर दर्ज की गई थी। परंतु 27 अप्रैल को बढ़ती धुंध के कारण प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने नैनीताल के तीन जगह से वायु के सैंपल एकत्रित किए। इन जगहों में नैना गांव, हनुमानगढ़ी और नैनीताल शहर शामिल थे। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने नैनीताल शहर और ग्रामीण क्षेत्र के हवा के नमूने लेकर परीक्षण को हल्द्वानी लैब में भेज दिए थे। परीक्षण के बाद पता चला कि पिछले साल गर्मियों के चार महीने यानी अप्रैल से जुलाई के बीच भी प्रदूषण की इतनी खराब स्थिति नहीं थी, जितनी इस बार अप्रैल में ही देखने को मिल रही है।