आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की लेगें शपथ
अमित शाह क्या फिर ले सकते है देश के गृह मंत्री की शपथ ?
इस बार किसे कौन सा मंत्रालय मिलेगा
चंडीगढ, 9 जून: (विश्ववार्ता) : आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेगें। लोकसभा चुनाव में बीजेपी अकेले दम पर भले ही बहुमत हासिल न कर सकी लेकिन एनडीए गठबंधन के सहयोग से नरेंद्र मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं। मोदी 9 जून रविवार शाम 7:15 बजे राष्ट्रपति भवन में प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे। राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु उन्हें शपथ दिलाएंगी। इस दौरान मोदी के बाद उनके मंत्रिमंडल के मंत्री भी शपथ लेते हुए दिखेंगे। जहां ऐसे में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने नरेंद्र मोदी से उनके अलावा केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होने वाले सदस्यों के नामों की जानकारी मांगी है। नरेंद्र मोदी लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने के साथ ही रविवार को इतिहास रचेंगे। वह यह उपलब्धि हासिल करने वाले देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के बाद दूसरे और पहले गैर-कांग्रेसी नेता होंगे।
एनडीए सरकार में सबसे ज्यादा चर्चा अमित शाह की है। कयास लग रहे हैं कि, क्या अमित शाह दूसरी बार देश के गृह मंत्री बनेंगे। क्योंकि गृह मंत्री रहते हुए शाह ने कई बड़े काम किए। उन्होंने जम्मू-कश्मीर से धारा 370 को हटाने का किया। जो कोई नहीं कर सका। गृह मंत्री रहते हुए शाह अंग्रेजों के क़ानूनों को बदलते हुए भारत के लिए नए आपराधिक कानून लाये। सीएए जैसे अन्य क़ानूनों को लाने वाले भी अमित शाह ही रहे। शाह अपनी एक अलग शैली से काम करने के लिए जाने जाते हैं। इसलिए अमित शाह के गृह मंत्री बनने को लेकर अटकलें तेज हो रखीं हैं। हालांकि, दूसरी ओर शिवराज सिंह चौहान को भी गृह मंत्री पद दिये जाने की अटकलें चल रहीं हैं। मसलन, अमित शाह केंद्रीय गृह मंत्री की भूमिका में होंगे या नहीं। इसको लेकर अभी सस्पेंस की स्थिति है।
बताया जा रहा है कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए सरकार में शामिल होने वाले मंत्रियों के नामों की लिस्ट पर आज शाम तक अंतिम मुहार लगाई जानी है। कौन-कौन मंत्री पद की शपथ लेगा। इसे लेकर बैठक की जा रही है और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के नवनिर्वाचित सांसदों में से जिन सांसदों को मंत्रिमंडल में जगह दी जानी है. उनकी सूची को अंतिम रूप देने के लिए काम चल रहा है।
टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू और जेडीयू के नीतीश कुमार दोनों ही भाजपा नीत एनडीए के लिए किंगमेकर बनकर उभरे हैं। ऐसे में दोनों को मोदी 3.0 कैबिनेट में कौन-कौन से मंत्रालय मिलते हैं, इसे लेकर भी सियासी चर्चाएं तेज हैं। फिलहाल बीजेपी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिलने की वजह से यह तो पक्का है कि इस बार सहयोगी टीडीपी और जेडीयू कोटे से कई मंत्री शामिल हो सकते हैं। इस बार बीजेपी के मंत्रियों की संख्या घट सकती है। इस बार सरकार में बीजेपी का पहले के 2 कार्यकाल जैसा दबदबा नहीं रहने वाला है।
हालांकि, बहुमत से दूर होने की मजबूरी के बावजूद भी बीजेपी इस सरकार में भी गृह मंत्रालय, वित्त मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय और विदेश मंत्रालय जैसे मंत्रालय किसी भी हाल में सहयोगी दलों को देने के मूड में नहीं है। ये सभी मंत्रालय बीजेपी अपने पास ही रखना चाहती है, लेकिन रिपोट्र्स के मुताबिक, टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू जिनके पास 16 सांसद हैं। उनकी तरफ से गृह मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय देने की मांग की गई है।
बता दें कि, 2014 और 2019 में भारी सीटें हासिल करने वाली बीजेपी इस बार जिस तरह से पस्त हुई है। वह हार बीजेपी को अंदर से मायूस कर गई है और चिंता की स्थिति में डाल गई है। जहां ऐसे में गृह विभाग की जिम्मेदारी किस दूसरे नेता को देकर अमित शाह को बीजेपी की कमान थमाई जा सकती है। बीजेपी को फिर से मजबूत स्थिति में लाने की जि़म्मेदारी अमित शाह को दी जा सकती है और इसमें वह माहिर हैं। अमित शाह पूर्व में 2014 से 2020 तक पार्टी अध्यक्ष की कमान संभाल चुके हैं।
वह राजनाथ सिंह के बाद पार्टी के अध्यक्ष बने थे। अभी तक बीजेपी में सिर्फ लालकृष्ण आडवाणी ने तीन बार बीजेपी अध्यक्ष की कमान संभाली है। बता दें कि, गांधीनगर से इस बार अमित शाह ने 7.44 लाख वोटों से जीत हासिल की है। गांधीनगर से यह अब तक की सबसे ज्यादा मार्जिन वाली जीत है। शाह 2019 में पहली बार गांधीनगर से लड़े थे। इसलिए अब देखना यह है कि एक्टेंशन पर चल रहे मौजूदा अध्यक्ष जेपी नड्डा के कार्यकाल और आगे बढ़ाने का रिस्क बीजेपी लेती है या फिर अमित शाह फिर से अध्यक्ष बनते हैं।
केंद्रीय कैबिनेट में ज्यादा से ज्यादा कितने मंत्री बनाए जा सकते हैं
केंद्र सरकार में कितने मंत्री बनाए जा सकते हैं, आइये इस बारे में भी जान लेते हैं। बता दें कि, लोकसभा में 543 सदस्यों की संख्या के 15 फीसदी मंत्री केंद्र में हो सकते हैं। यानी इस आधार पर प्रधानमंत्री मोदी की कैबिनेट में 81-82 मंत्री अधिकतम हो सकते हैं। इन मंत्रियों को अलग-अलग विभागों की जि़म्मेदारी दी जाती है। जिसके बाद सभी मंत्रियों को अपने विभागों को दुरुस्त रखते हुए काम कराने होते हैं और रिपोर्ट लेनी होती है। पीएम द्वारा कभी भी किसी भी मंत्री से कामों की रिपोर्ट मांगी जा सकती है।
विपक्षी इंडिया गठबंधन भी है मजबूत
2014 और 2019 में विपक्ष भले ही मजबूत न रहा हो लेकिन इस बार विपक्षी इंडिया गठबंधन मजबूत स्थिति में है। विपक्षी गठबंधन को कुल 234 सीटों पर जीत मिली है। ऐसे में विपक्ष के पास भी बहुमत का आंकड़ा दूर तो है लेकिन ज्यादा दूर नहीं है। यानि अगर एनडीए में बड़ी टूट होती है तो फिर ऐसे में इंडिया गठबंधन की सरकार भी बन सकती है। सरकार बनाने और बहुमत के लिए 272 सीटें चाहिए। इस लोकसभा चुनाव में विपक्षी गुट इंडिया गठबंधन का नेतृत्व करने वाली कांग्रेस ने 328 सीटों पर चुनाव लड़ा था और उसने 99 सीटों पर जीत हासिल की है।