आखिर क्यों लगती है वाहनों में आग, गर्मी में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए क्या करें उपाय ?
ओवरहीटिंग कार: जानने योग्य पाँच बातें – बैरी की ऑटो बॉडी
गर्मी के मौसम में अक्सर आपने कार और बाइक में आग लगने की खबरें सुनी होंगी. प्रचंड गर्मी में वाहनों में आग लगना चिंताजनक और संभावित रूप से बेहद गंभीर मामला है, जो गर्मी के मौसम में बढ़ जाते हैं। ऐसे में संभल के रहने की जरूरत है, जिससे आप और वाहन दोनों सुरक्षित रहें।
फगवाड़ा में राष्ट्रीय राजमार्ग नंबर 1 पर गांव चाचोकी के पास कुछ समय पहले लुधियाना से जालंधर जा रही एक ऑल्टो कार में आग लगने की घटना घटी थी। बता दें कि इससे पहले भी फगवाड़ा समेत प्रदेश के कई शहरों में वाहनों में अचानक आग लगने की घटनाएं हो चुकी हैं और कई मौकों पर वाहन के अंदर बैठे लोग भी आग की चपेट में आ चुके हैं। इस संबंध में विशेषज्ञों का कहना है कि उच्च तापमान, वाहनों के बढ़ते उपयोग और कई अन्य कारकों का संयोजन इन घटनाओं में योगदान दे सकता है। कारणों को समझकर और निवारक उपायों को लागू करके, चालक अपने वाहन में यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते हैं और सड़क पर वाहनों में आग लगने की संभावना को कम कर सकते हैं।
गर्मी में वाहनों में आग लगने का कारण ओवरहीटिंग
विद्युत प्रणाली में खराबी हो सकता कारण
वाहनों में विद्युत प्रणालियां शॉर्ट्स, घिसे हुए तारों या दोषपूर्ण कनैक्शन के लिए अतिसंवेदनशील हो सकती हैं, जो गर्मियों की गर्मी के साथ तेज हो जाती हैं। ध्वनि प्रणाली या अतिरक्ति प्रकाश व्यवस्था जैसे आफ्टरमार्कीट सामान के साथ विद्युत प्रणाली को ओवरलोड करने से बिजली की खराबी और संभावित आग का खतरा बढ़ जाता है।
वाहन से द्रव रिसाव से आग का खतरा
वाहन का अनुचित रखरखाव भी कारण
योग्य मैकेनिकों से नियमित जांच करवाना जरूरी
कूलिंग सिस्टम का रखरखाव अहम
विद्युत प्रणाली का निरीक्षण आवश्यक
वाहन पार्किंग को लेकर सतर्कता जरूरी
धुआं: जब भी कार में ओवरहीटिंग की दिक्कत आती है तो इंजन से धुआं निकलने लगता है.
गंध: कार में ओवरहीटिंग की दिक्कत आती है तो आपको जलती हुई तारों या रबर की गंध आ सकती है.
कूलेंट की कमी: कूलेंट का काम इंजन को ठंडा रखना होता है, अगर गाड़ी में कूलेंट कम है तो कार ओवरहीट हो सकती है.
रेडिएटर की समस्या: रेडिएटर का काम इंजन से हीट को बाहर निकालना होता है. जब रेडिएटर में गंदगी जमा होने लगती है तो कार ओवरहीट हो सकती है.
थर्मोस्टैट में दिक्कत: थर्मोस्टैट इंजन के टेंपरेचर को कंट्रोल रखने का काम करता है, लेकिन अगर थर्मोस्टैट में खराबी आ गई तो कार ओवरहीटिंग हो सकती है.
कूलेंट की नियमित जांच: कूलेंट का स्तर समय-समय पर चेक करते रहें.
रेडिएटर को साफ करें: रेडिएटर में गंदगी को जमा न होने दें, नियमित रूप से इस साफ करवाते रहें.
थर्मोस्टैट की जांच: थर्मोस्टैट में कोई खराबी तो नहीं है, नियमित रूप से इसकी जांच करवाते रहें.
कार सर्विसिंग: ओवरहीटिंग से बचना है तो कार की नियमित रूप से सर्विसिंग करवाते रहें.
कब बढ़ जाती है ओवरहीटिंग की दिक्कत?
गर्मियों में कार के ओवरहीट होने की संभावना बढ़ जाती है.
बिना रुके अगर लंबी दूरी तय कर रहे हैं तो इंजन और रेडिएटर गर्म हो सकता है.