अयोध्या मे राममंदिर मे प्राण प्रतिष्ठा’ के बाद से अब तक इतने करोड़ से अधिक लोगों ने अयोध्या मंदिर का किया दौरा
हर रोज पहुंच रहे है कुल इतने लाख लोग
चंडीगढ, 23 अप्रैल (विश्ववार्ता): अयोध्या में 22 जनवरी 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर में रामलाल की प्राण प्रतिष्ठा की थी। इसके बाद से ही वहां लगातार भक्तों का तांता लगा हुआ है। रोज लाखों की संख्या में भक्त रामलला के दर्शन करने पहुंच रहे है। रामलला के दर्शन करने को भक्त बेहद आतुर है। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने कहा कि इस साल 22 जनवरी को रामलला की ‘प्राण प्रतिष्ठा’ के बाद से अब तक 1.5 करोड़ से अधिक लोग रामलला के दर्शन करने आ चुके हैं।
उन्होंने कहा कि मंदिर में प्रतिदिन एक लाख से अधिक पर्यटक आशीर्वाद लेने आते हैं। राय ने कहा, “हर दिन एक लाख से अधिक लोग मंदिर में ‘दर्शन’ के लिए आते हैं। 22 जनवरी को ‘प्राण प्रतिष्ठा’ के बाद से, लगभग 1.5 करोड़ लोग राम लला के ‘दर्शन’ के लिए आ चुके हैं।
44 दरवाजे और 392 स्तंभ
प्रभु श्रीराम के लिए भव्य श्री राम जन्मभूमि मंदिर का निर्माण पारंपरिक नागर शैली में किया गया है। मंदिर की लंबाई 380 फीट, चौड़ाई 250 फीट और 161 फीट ऊंचाई है। श्रीराम का मंदिर 44 दरवाजों और 392 स्तंभों द्वारा समर्थित हैं। वहीं मंदिर के स्तंभों और दीवारों पर देवी-देवताओं के जटिल चित्रों को उकेरा गया है। साथ ही मंदिर के भूतल पर मुख्य गर्भग्रह में रामलला को रखा गया है। राम मंदिर का मुख्य प्रवेश द्वार पूर्व दिशा में हैं।राम मंदिर के मुख्य प्रवेश द्वारा तक सिंह द्वार से 32 सीढिय़ां चढक़र पहुंचा जाएगा। इसके साथ ही मंदिर में 5 मंडप हैं। जिनमें रंग मंडप, सभा मंडप, नृत्य मंडप, प्रार्थना मंडप और कीर्तन मंडप शामिल हैं। वहीं मंदिर के पास में ही एक कुआं बना है। यह कुआं ऐतिहासिक और प्राचीन काल का है। राम मंदिर के दक्षिणी-पश्चिमी भाग में स्थित कुबेर के टीले में भगवान शंकर के प्राचीन मंदिर का जीर्णोद्धार किया गया है और पास में एक जटायू की मूर्ति स्थापित की गई है।
उन्होंने आगे कहा, “यहां पेड़-पौधे संरक्षित हैं, परिसर में 600 पौधे थे और सभी संरक्षित हैं। जल उपचार संयंत्र और सीवर उपचार संयंत्र भी वहां हैं। यह मंदिर अपने आप में स्वतंत्र होगा और अयोध्या के लोगों को मंदिर की आवश्यकता को पूरा करने के लिए किसी भी समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा।” इसके साथ ही हाल ही में अयोध्या के राम मंदिर में पहली बार रामनवमी बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाई गई।
इसके अलावा, श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव ने मंदिर के चारों ओर 14 फुट चौड़ी सुरक्षा दीवार के निर्माण की घोषणा की, जिसे ‘परकोटा’ कहा जाएगा। उन्होंने कहा, ”मंदिर का केवल भूतल ही पूरा हुआ है जहां रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की गई थी, पहली मंजिल का काम चल रहा है। मंदिर के चारों ओर 14 फीट चौड़ी सुरक्षा दीवार का निर्माण कराया जाएगा। इस दीवार को मंदिर का ‘परकोटा’ कहा जाता है। ” उन्होंने कहा कि ‘परकोटा’ एक बहुद्देश्यीय क्षेत्र होगा जिसमें 6 अतिरिक्त मंदिर होंगे।
उन्होंने कहा, “परकोटा’ बहुउद्देश्यीय होगा जहां 6 और मंदिर बनाए जाएंगे जो भगवान शंकर, भगवान सूर्य, एक ‘गर्भगृह’ और दो भुजाओं पर भगवान हनुमान और मां अन्नपूर्णा के मंदिर बनाए जाएंगे। मंदिर परिसर में महर्षि वाल्मिकी, महर्षि वशिष्ठ, महर्षि विश्वामित्र और महर्षि अगस्त्य के मंदिर भी बनाये जायेंगे। निषाद राज, मां शबरी, मां अहिल्या और जटायु के मंदिर भी बनाए जाएंगे। मंदिर में एक समय में 25,000 तीर्थयात्रियों को उनके सभी सामान के साथ समायोजित करने की क्षमता होगी।”