चंडीगढ़/15सितंबर (विश्ववार्ता): शिरोमणी अकाली दल के अध्यक्ष सरदार सुखबीर सिंह बादल ने आज आग्रह किया है कि जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश में पंजाबी को राजभाषा के रूप में बहाल किया जाए।
लोकसभा में इस मुददे पर बोलते हुए अकाली दल अध्यक्ष ने कहा कि जम्मू-कश्मीर राजभाषा विधेयक,2020 में केंद्र शासित प्रदेश की आधिकारिक भाषाएं तैयार करते समय पंजाबी को छोड़ दिया गया है। सरदार बादल ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा है कि खालसा राज के समय से ही जम्मू-कश्मीर के लोगों की बहुसंख्यक आबादी की पंजाबी ही संवाद की भाषा थी। उन्होने कहा कि यह बेहद अजीब बात है कि जहां पंजाबी के साथ इस तरह का भेदभाव किया गया , वहीं अंग्रेजी को राजभाषा के रूप में शामिल किया गया है।
सरदार बादल ने कहा कि पंजाबी को कई सौ वर्षों से जम्मू-कश्मीर और पूर्ववर्ती पंजाब में ऐतिहासिक रूप से बोला जाता था, उन्होने कहा कि पंजाबी को पूर्ववर्ती राज्य जम्मू-कश्मीर के संविधान में एक राजभाषा के रूप में मान्यता दी गई थी। उन्होने कहा कि जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. फारूक अब्दुल्ला भी पंजाबी बेहद अच्छी तरह से बोलते हैं तथा वे इस बयान की पुष्टि करेंगे। डॉ. अब्दुल्ला ने तुरंत सहमति देते हुए कहा कि पंजाबी राज्य के लोगों द्वारा सबसे ज्यादा