कहा, पंजाब सरकार कोविड के साथ अपने आप निपट लेगी – न कि केजरीवाल की तरह जो केंद्र के पास सहायता के लिए विनतियां करने तक गया
चंडीगढ़, 4 सितम्बर:आम आदमी पार्टी के दिल्ली में अरविन्द केजरीवाल सरकार की तरफ से कोविड इलाज के लिए सफल प्रबंधों के दावों को प्रारंभ से रद्द करते हुये मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने हैरानी प्रकट की कि पंजाब में आप नेताओं की तरफ से अपने संकुचित राजनैतिक हितों को राज्य के सुरक्षा सरोकारों और यहाँ के लोगों के कल्याण की अपेक्षा भी अधिक अहमीयत दी जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि एक तरफ़ वह संकट के मुश्किल भरे समय में मिल कर लडऩे की बात करते हैं और दूसरी तरफ़ पाकिस्तान की तरफ से महामारी को लेकर गलत प्रचार के ज़रिये हमारे राज्य मेें मुश्किलें पैदा करने के लगातार किये जा रहे यत्नों को खुले तौर पर ढीठताई से आँखों से अनदेखा कर रहे हैं।
कुछ आप नेताओं की तरफ से जारी प्रैस और वीडियो बयानों पर सख़्त प्रतिक्रिया प्रकट करते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि आप नेता समाज विरोधी अनसरों के द्वारा राज्य के गाँवों में कोविड सम्बन्धी फैलायी जा रही गलत जानकारी की निंदा करने की अपेक्षा उन पर निजी हमले करने पर और ज्यादा केंद्रित लगते हैं। कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि यह दर्शाता है कि राज्य के अंदर पूरी तरह लोगों का भरोसा खो चुकी आम आदमी पार्टी अपना एजेंडा आगे बढ़ाने में किस हद तक नीचे गिरने के लिए तैयार है।
मुख्यमंत्री ने चुटकी लेते हुये कहा कि जाली खबरों की वीडियो जो कोविड सम्बन्धी पंजाब के लोगों में डर और गलत जानकारी फैलाने के लिए पाकिस्तान से चलाई लगती हैं, संबंधी आम आदमी पार्टी की तरफ से एक शब्द भी नहीं कहा गया और ऐसी वीडियो फैलाने के लिए आप के वर्कर की गिरफ़्तारी पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई। उन्होंने आगे कहा कि इससे स्पष्ट संकेत मिलता है कि आम आदमी पार्टी नहीं चाहती कि लोग इस मनघड़त और झूठी अफ़वाहों के प्रति जागरूक हों बल्कि वास्तव में राजनैतिक लाभ कमाना चाहते हैं। उन्होंने पूछा कि क्या यह सरहद पार से ऑपरेट कर रहे समाज और पंजाब विरोधी एजेंटों के हाथों में खेलने के समान नहीं है?’
कैप्टन अमरिन्दर ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल के ‘आप’ वर्करों की तरफ से औकसीमीटरों के साथ पंजाब के गाँवों में जाने संबंधी ऐलान से हमारे राज्य, जहाँ आम आदमी पार्टी का कोई राजनैतिक स्टैंड नहीं है, के लोगों का समर्थन लेने के लिए उनकी निराशा ज़ाहिर हुई है। केजरीवाल सरकार के उल्ट जिसको राष्ट्रीय राजधानी में कोरोना के मामले बढऩे पर केंद्र से मदद की विनती करनी पड़ी, पंजाब इस संकट से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। उन्होंने कहा कि 10,000 पल्स औकसीमीटरों की पहले ही खरीद और बाँट कर दी गई है और फ्रंटलाईन हैल्थ वर्करों, घरेलू एकांतवास के बीच वाले मरीज़ों आदि की सहायता के लिए और 50,000 औकसीमीटिरों की खरीद के लिए टैंडर दिए गए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब में उपकरणों की कोई कमी नहीं है और आगे कहा कि यह दिल्ली ही है जिसको सदा दूसरों की मदद की ज़रूरत लगती है। उन्होंने आम आदमी पार्टी को याद दिलाया कि राष्ट्रीय राजधानी में कोविड संकट के प्रबंधन के लिए केंद्रीय गृह और स्वास्थ्य मंत्रियों को निजी और सीधे तौर पर दख़ल देना पड़ा।
दिल्ली सरकार की तरफ से कोविड से निपटने के मामले में आप नेताओं के झूठ पर बरसते हुये कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने राष्ट्रीय राजधानी में 4500 से अधिक मौतें हो चुकी होती हैं जबकि पंजाब में यह संख्या 1690 है। दिल्ली में एक मिलियन के पीछे मौत दर 268.6 है जबकि पंजाब में 60.9 है। दिल्ली की बदतर हालत का अंदाज़ा आगे इस स्थिति से लगता है कि केसों के मामले में दिल्ली देश में छटे स्थान पर है जबकि पंजाब 17वें स्थान पर है। दिल्ली में मौजूद 14151 बैडों के मुकाबले पंजाब में बैडों की संख्या 21431 है। यह आंकड़े दिल्ली की बदइंतज़ामी की दास्तान को बयान करते हैं जहाँ पंजाब की 3.2 करोड़ जनसंख्या के मुकाबले 2.8 करोड़ जनसंख्या है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जहाँ तक टैस्टों का सवाल है 10 अप्रैल से 2 सितम्बर तक दिल्ली ने टैस्टों की संख्या 154 गुणा बढ़ाई है जबकि पंजाब ने यही विस्तार 519.1 गुणा किया है। उन्होंने कहा कि यहाँ तक राष्ट्रीय राजधानी की नाजुक हालत के चलते वहां गोल्ड स्टैंडर्ड आर.टी.-पी.सी.आर. की बजाय रैपिड ऐटीजन टेस्टिंग की ज़्यादा ज़रूरत थी।
उन्होंने टिप्पणी करते हुये कहा कि यह कोई हैरानी की बात नहीं कि दिल्ली में मामलों की संख्या बेतहाशा ढंग से बढ़ रही है जबकि आप तो बस दूसरे राज्यों के आगे दिल्ली के स्वास्थ्य मॉडल के प्रशंसा भरे श्ब्द गा रही है।