दिल्ली, 25 जुलाई (विश्ववार्ता): देश की सबसे युवा क्लाइमेट एक्टिविस्ट, लिसिप्रिया कनगुजम आठ साल की यह लड़की देश के युवाओं को एकजुट कर रही है, ताकि वे क्लाइमेट के लिए सचेत बन सकें।लिसिप्रिया कहती हैं, “मैं मणिपुर, भारत की रहने वाली हूं और मैं एक क्लाइमेट एक्टिविस्ट हूं। मैंने चाइल्ड मूवमेंट की स्थापना की है और हम अपनी धरती और अपने भविष्य को बचाने के लिए लड़ रहे हैं। 2018 में जब मैं सिर्फ 6 साल की थी, तब मुझे मंगोलिया में यूनाइटेड नेशन डिजास्टर कॉन्फ्रेंस में भाग लेने का मौका मिला और इसके बाद तो मेरी जिंदगी ही बदल गई। 2018 में मंगोलिया से वापस लौटने के बाद, मैंने चाइल्ड मूवमेंट के नाम से अपने ऑर्गेनाइजेशन की शुरुआत की, जिसके जरिए हम दुनिया भर के तमाम लीडर्स से अनुरोध करते हैं कि वे हमारी धरती और हमारे भविष्य को बचाने के लिए तुरंत ठोस कदम उठाएं।”
उन्होंने क्लाइमेट जस्टिस के क्षेत्र में भी इनोवेशन किए हैं। लिसिप्रिया कहती हैं, “मैंने आईआईटी के प्रोफेसर, चंदनबोस सर की मदद से एक डिवाइस तैयार की है जिसका नाम सुकीफू है। सुकीफू का मतलब है भविष्य के लिए सर्वाइवल किट। मैं अपने डिवाइस सुकीफू के साथ लोगों को पर्यावर्ण के बिगड़ते हालात के बारे में सख्त संदेश देना चाहती हूं। पूरी दुनिया के लीडर्स, साइंटिस्ट, एक्सपर्ट्स, पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड इस पर जरूर ध्यान देंगे, क्योंकि हमारे भविष्य की सुरक्षा की जिम्मेदारी इन्हीं लोगों पर है। मेरी ये डिवाइस हम सभी को सांस लेने के लिए ताजी हवा भी देगी और हमारे हेल्थ को एयर पॉल्यूशन से बचाएगी।”
लिसिप्रिया देश के लोगों को एक बहुत ही सरल संदेश देना चाहती हैं। वह कहती हैं, “मैं लोगों और बच्चों को एक छोटा सा संदेश देना चाहती हूं कि वे सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल नहीं करें। उन्हें ज्यादा-से-ज्यादा पेड़ लगाने चाहिए। अगर आपके आसपास पेड़-पौधे मौजूद होंगे, तो आपको सांस लेने के लिए ठंडी और ताजी हवा मिलेगी।