बीबा हरसिमरत कौर बादल ने संसद में 1984 कत्लेआम की सर्वसम्मति से निंदा करने की मांग की

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बीबा हरसिमरत कौर बादल ने संसद में 1984 कत्लेआम की सर्वसम्मति से निंदा करने की मांग की

 

चंडीगढ़/19सितंबर( विश्व वार्ता): वरिष्ठ अकाली नेता और बठिंडा की सांसद बीबा हरसिमरत कौर बादल ने आज 17वीं ससद में 1984 कत्लेआम की सर्वसम्मति से निंदा करने की मांग की साथ ही उन्होने पुराने संसद भवन को हिंद की चादर गुरु तेग बहादुर जी को समर्पित करने का आहवाहन किया जिन्होने भारत में लोकतंत्र की नीव रखी थी। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने यह भी मांग की कि महिला आरक्षण विधयेक को लोकसभा में लाया जाए और महिलाओं को सही शब्दों में सशक्त बनाने के लिए पारित किए जाने की मांग की है।

संसद में भारतीय संसदीय लोकतंत्र के विकास पर चर्चा में भाग लेते हुए बीबा हरसिमरत कौर बादल ने बताया कि कैसे उन्होने 1984 में अठारह साल की उम्र में अल्पसंख्यकों के कत्लेआम के साथ साथ धार्मिक सहिष्णुता की हत्या भी देखी थी। उन्होने कहा कि कैसे कांग्रेस पार्टी राष्ट्रीय राजधानी के साथ साथ देश के अन्य हिस्सों में कत्लेआम की योजना बनाकर पूरी सिख पीढ़ी को खत्म करने की कोशिश की। उन्होने कहा ,‘‘ तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने अमृतसर में श्री दरबार साहिब में टैंक भेजकर श्री अकाल तख्त साहिब को तबाह कर दिया’’।
बीबा बादल ने राज्य प्रायोजित कल्तेआम का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘ मणिपुर में महिलाओं की सामूहिक हत्या और बलात्कार की घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘ अगर सरकार ने सिख समुदाय के साथ  न्याय सुनिश्चत किया होता तो  अन्य त्रासदियों जैसे मणिपुर में महिलाओ का बलात्कार और सामूहिक कत्लेआम को रोका जा सकता था।

बठिंडा की सांसद ने धार्मिक आजादी की रक्षा के लिए गुरु जी द्वारा किए गए सर्वोच्च बलिदान का सम्मान करने के लिए पुराने संसद भवन को श्री गुरु तेग बहादुर को समर्पित करने का आग्रह किया। उन्होने कहा कि अल्पसंख्यक कश्मीरी हिंदू समुदाय को जबरन धर्मांतरण से बचाने के लिए गुरु जी ने अपने जीवन का बलिदान देकर मानवाधिकार, समानता और धर्म की स्वतंत्रता जैसे लोकतांत्रिक सिद्धांतो की नींव रखी थी।वरिष्ठ अकाली नेता ने महिला आरक्षण के लिए जोरदार अपील की और कहा कि महिलाओं को सही अर्थों में सशक्त बनाने के लिए लोकसभा को विधेयक पारित करना चाहिए। यह कहते हुए कि निर्भया यां महिला पहलवानों और यहां तक कि मणिपुर की महिलाओं के मामले की तहर महिलाओं के अधिकारों को कुचला जा रहा है। उन्होने कहा, ‘‘ महिला मतदाताओं का बहुमत है पिछले संसदीय चुनाव में 67 फीसदी महिला मतदाताओं ने मतदान किया था ओर ससंद में उनकी आवाज सुनी जानी चाहिए’’।
बीबा बादल ने किसानों के बीच बढ़ती आत्महत्या और बड़े पैमाने पर समुदाय में संकट का मुददा भी उठाया। उन्होने कहा कि केंद्र सरकार ने किसानों की आय दोगुनी करने का वादा किया था लेकिन वह इसे पूरा करने में विफल रही है। उन्होेने जोर देकर कहा, ‘‘ किसानों को अपनी जेब में पैसा चाहिए , खोखले वादे नही’’। उन्होने कहा कि किसान दुखी हैं, क्योंकि वे  अपनी बुनियादी जरूरतों को पूरा करने में सक्षम नही हैं। उन्होने पंजाब के किसानों का उदाहरण दिया, जिन्होने पिछले 50 सालों से देश का अन्न का भंडार भरा है, लेकिन इस समय वह संकट की स्थिति में हैं।
बठिंडा की सांसद ने अपने भाषण का हिस्सा अपने परिवार को समर्पित किया और बताया कि कैसे उनके दादा सरदार सुरजीत सिंह मजीठिया ने  तीन बार सांसद के रूप में काम किया, जबकि उनके ससुर छठे सदन के सदस्य थे। उन्होने यह भी बताया कि कैसे सरदार परकाश सिंह बादल से बेहद प्रेरित थी , जिन्होने सरबत का भला के आदेश का पालन किया और दमनकारी आपातकालीन शासन के खिलाफ लड़ने के अलावा असली संघीय राज्य बनाने के अलावा समाज के सभी वर्गों के लिए भलाई का काम किया था।