दिल्ली, 26 नवंबर (विश्ववार्र्ता): आज पूरा देश संविधान दिवस मना रहा है. आज के दिन संविधान सभा ने इसको पारित किया था. आज वो दिन है जब हमें अपने संविधान पर गर्व करना चाहिए.साथ ही जानिए अपने मौलिक अधिकार और नीति निर्देशक तत्वों के बारे में..
भारत का संविधान विश्व का सबसे लंबा संविधान है. इसमें 465 अनुच्छेद और 12 अनुसूचियां हैं. ये 22 भागों में विभाजित है.
संविधान में साफ लिखा है कि देश का कोई आधिकारिक धर्म नहीं होगा. यह किसी धर्म को बढ़ावा नहीं देता न किसी से भेदभाव करता है.
संविधान की आत्मा कहे जाने वाले Preamble यानी प्रस्तावना को अमेरिकी संविधान से लिया गया है. संविधान में प्रस्तावना की शुरुआत ‘We the people’ से होती है.
भारतीय संविधान में अब तक 124 बार संशोधन हुआ है.
26 जनवरी 1950 को ही अशोक चक्र को बतौर राष्ट्रीय चिन्ह स्वीकार किया था.
मौलिक अधिकार उन अधिकारों को कहा जाता है जो व्यक्ति के जीवन के लिए मौलिक होने के कारण संविधान द्वारा नागरिकों को प्रदान किए जाते हैं. इनमें राज्य द्वारा हस्तक्षेप नही किया जा सकता.