चंडीगढ़, 26 अक्तूबर (विश्ववार्ता): आईंएएस अधिकारी के बेटे बलवंत सिंह मुल्तानी के अपहरण और कत्ल मामले मे पंजाब के पूर्व डीजीपी सुमेध सैनी आज फिर एसआईटी के सामने पेश हुए है।
आपको बतां दे कि एसआइटी जांच में शामिल होने के लिए पूर्व डीजीपी सैनी को नोटिस भेजकर सबसे पहले 23 सितंबर को 11 बजे थाना मटौर में स्पेशल जांच टीम के सामने बुलाया गया था, पर वह पेश नहीं हुए थे। उन्होंने अपने वकील के माध्यम से कहा था कि सेहत ठीक न होने के कारण वह थाने में पेश नहीं हो सकते। लेकिन पूर्व डीजीपी सुमेध सैनी 25 सितंबर को अचानक एसआइटी के समक्ष पेश होने के लिए एसएसपी दफ्तर पहुंच गए थे, जहां वह एसआइटी के मुखी के सामने पेश हुए, लेकिन एसआईटी मुखी द्वारा उन्होंने यह कहकर वापस भेज दिया कि जब एसआइटी उनको नोटिस भेजेगी, वह उस समय जांच में शामिल होने के लिए आएं। एसआईटी ने फिर पूर्व डीजीपी को फिर 29 सिंतबर को जांच मे बुलाया सैनी जांच मे शामिल हुए और एसआईटी ने करीब 5 घंटे पूर्व डीजीपी से सवाल किये लेकिन सवालो के जबाव से अंसतुष्ट होने के बाद एसआईटी ने सुमेध सैनी को अब फिर 26 अक्तूबर को पेश होने के लिए कहा है अब देखना यह है कि सैनी 26 अक्टूबर को एसआइटी के समक्ष पेश होने आते हैं या नहीं।
ये है पूरा मामला
पूर्व डीजीपी सुमेध सिंह सैनी, यूटी पुलिस के एक रिटायर्ड एसपी बलदेव सिंह, दिवंगत डीएसपी सतबीर सिंह, रिटायर्ड इंस्पेक्टर हरसहाय, अनोख सिंह, जगीर सिंह और अन्यों के खिलाफ मटौर पुलिस थाने में अपहरण और अन्य धाराओं के तहत 6 मई को मामला दर्ज किया गया था। यह मामला तब का है जब सुमेध सिंह सैनी चंडीगढ़ के एसएसपी थे। मुल्तानी को सुमेध सिंह सैनी पर चंडीगढ़ में हुए आतंकी हमले के बाद पकड़ा गया था। हमले में सैनी की सुरक्षा में तैनात चार पुलिकर्मी मारे गए थे। आरोप है कि 1991 में सैनी की हत्या के विफल प्रयास के बाद पुलिस ने मुल्तानी को गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तारी के बाद बलवंत सिंह को थाने मे टार्चर किया गया है, फिर बताया गया कि बलवंत की गिरफ् से भाग गया। वहीं परिजनों का कहना था कि बलवंत की पुलिस के टॉर्चर से मौत हो गई थी। 2008 में पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के निर्देशों पर चंडीगढ़ सीबीआई ने इस मामले में प्रीमिलनरी इंक्वायरी शुरू की जिसके बाद 2008 में सीबीआई ने सैणी के खिलाफ केस दर्ज कर लिया। जिसके बाद पूर्व डीजीपी सुमेध सिंह सैनी, यूटी पुलिस के एक रिटायर्ड एसपी बलदेव सिंह, दिवंगत डीएसपी सतबीर सिंह, रिटायर्ड इंस्पेक्टर हरसहाय, अनोख सिंह, जगीर सिंह और अन्यों के खिलाफ मटौर पुलिस थाने में अपहरण और अन्य धाराओं के तहत 6 मई को मामला दर्ज किया गया था।
जिसके बाद अब नए फैक्ट्स पर पंजाब पुलिस ने पिछले महीने 7 मई को सैणी के खिलाफ आईपीसी की धारा 364 (अपहरण या हत्या के लिए अपहरण), 201 (साक्ष्य मिटाने के कारण), 344 (गलत तरीके से कारावास), 330 और 120बी (आपराधिक साजिश रचना) के तहत केस दर्ज किया था।