2022 में भगोड़े अपराधियों के खिलाफ बड़े ऑपरेशन में पठानकोट पुलिस ने 68 भगोड़ों को किया गिरफ्तार
*पुलिस टीमों ने पुलवामा, बडगाम, अलवर, कांगड़ा और अन्य दूरदराज के इलाकों में भगोड़ों का पीछा किया और उन्हें गिरफ्तार कर लिया है
*कुछ भगोड़े दशकों से गिरफ्तारी से बच रहे थे
पठानकोट, 14 दिसंबर : एनडीपीएस एक्ट के तहत 19 भगोड़ों सहित 68 भगोड़े अपराधियों को पठानकोट पुलिस की समर्पित टीमों ने पिछले एक दशक और कई वर्षों से जम्मू-कश्मीर सहित तीन राज्यों में फैले देश के विभिन्न हिस्सों में गिरफ्तार कर बड़ी सफलता हासिल की है। पुलिस टीम ने इस साल हिमाचल प्रदेश और राजस्थान, पुलवामा, बडगाम, अलवर, कांगड़ा और अन्य दूर-दराज के इलाकों में भगोड़ों का पीछा किया है।
पठानकोट जिले की स्थापना (2011) के बाद से जिले में गिरफ्तार भगोड़ों की यह सर्वाधिक संख्या है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए पठानकोट के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) हरकमल प्रीत सिंह खख ने कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और डीजीपी पंजाब गौरव यादव के निर्देश पर असामाजिक तत्वों के खिलाफ विशेष अभियान चलाया गया था और इन घोषित अपराधियों (पीओ)/भगोड़ों को पकड़ने के लिए एक समर्पित इकाई स्थापित की गई है।उन्होंने कहा कि गिरफ्तार भगोड़े अपराधी हत्या, हत्या के प्रयास, डकैती, नशीले पदार्थों की तस्करी, रंगदारी और चोरी जैसे जघन्य अपराधों में वांछित थे।
एसएसपी ने कहा कि पुलिस ने इन अपराधियों को पकड़ने के लिए कई तरह के हथकंडे अपनाए, जिनमें लक्षित जांच, छापेमारी और स्टिंग ऑपरेशन शामिल हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस टीमों को उनके ठिकाने के बारे में जानकारी मिली और उनका पीछा किया और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है।
इस अभियान के तहत जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान और पंजाब में विभिन्न स्थानों पर पुलिस की विभिन्न टीमों को भगोड़े अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए भेजा गया था। जो विभिन्न आपराधिक आरोपों में 15-20 वर्षों से गिरफ्तारी से बच रहे थे।यहां तक कि इन टीमों ने जम्मू-कश्मीर में पुलवामा, बडगाम, कठुआ, विजयपुर, बुंद बसोली, राजस्थान में अलवर, कुल्लू, हिमाचल प्रदेश में कांगड़ा और पंजाब में पंजाब का दौरा करते हुए विभिन्न शहरों नियंत्रित किया गया है
उन्होंने उदाहरणों का हवाला देते हुए कहा कि पठानकोट पुलिस ने धारा 82 और 83 (सीआरपीसी) और 42 के तहत 299 (सीआरपीसी) के तहत सात पीओ को गिरफ्तार किया था।
धारा 82 और 83 के तहत, जब गिरफ्तारी का वारंट जारी होने के बाद भी आरोपी अदालत में पेश होने में विफल रहता है, तो मजिस्ट्रेट फरार आरोपी की घोषणा जारी करके और व्यक्ति की संपत्ति की कुर्की का आदेश देकर आरोपी को हाजिर होने के लिए मजबूर कर सकता है। इसी तरह, सीआरपीसी की धारा 299 तब लागू होती है जब अभियुक्त की अनुपस्थिति में साक्ष्य दर्ज किया जा रहा हो।
इसके अलावा इन टीमों ने हत्या, रंगदारी, रंगदारी व अन्य जघन्य अपराधों में शामिल आरोपियों के पास से अवैध हथियार, ड्रग्स व अपराध में प्रयुक्त वाहन भी बरामद किए हैं।
एसएसपी ने सभी फरार आरोपियों को पकड़ने के लिए अथक प्रयास करने वाली टीमों की सराहना की है। एसएसपी ने कहा कि इस साल भर के अभियान के परिणामस्वरूप क्षेत्र में अपराध में उल्लेखनीय कमी आई है, जिससे पठानकोट के नागरिकों को सुरक्षा और मन की शांति का एहसास हुआ है।
एसएसपी ने कहा कि पठानकोट पुलिस नागरिकों को सुरक्षित माहौल मुहैया कराने के लिए प्रतिबद्ध है और इलाके में अपराधियों को पकड़ने के लिए हर कदम उठा रही है। पुलिस बल ने यह सुनिश्चित करने के लिए एक सुचारू प्रणाली भी तैयार की थी कि अपराधियों को समय पर पकड़ा जाए और जनता बिना किसी डर के रहे।
खख ने कहा, “पठानकोट पुलिस की यह उपलब्धि शहर में अपराध को रोकने और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उनके समर्पण और प्रतिबद्धता का एक वसीयतनामा है।”