कहा कि स्वास्थ्य एमरजेंसी वाले इस समय में कोई भी राज्य यां देश अपने मेडिकल पेशावरों को नजरअंदाज करने का जोखिम नही उठा सकता
चंडीगढ़/02मईः केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री श्रीमती हरसिमरत कौर बादल ने आज ज्ञान सागर मेडिकल कॉलेज, बनूड़ के मेडिकल इंटर्नों को उचित स्टाइपंड दिए जाने की मांग की है। उन्होने इस मामले में राज्य तथा केंद्र सरकार को हस्तक्षेप देने तथा मेडिकल पेशावरों की समस्याओं का तत्काल समाधान करने के लिए कहा है।
इस संबधी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री तथा सार्वजनिक शिकायतों तथा सुझावों की उच्च स्तरीय कमेटी के सचिव को लिखे एक पत्र में श्रीमती बादल ने उन्हे ज्ञान सागर मेडिकल कॉलेज, बनूड़ के मेडिकल इंटर्नों की वित्तीय समस्याओं से अवगत करवाया है। उन्होने कहा कि इंटर्नों ने केंद्रीय मंत्री से संपर्क करके बताया है कि उनके मेडिकल कॉलेज में बतौर मेडिकल इंटर्न काम करने के लिए कोई स्टाइपंड नही दिया जा रहा है, जोकि भारतीय मेडिकल कांउसिल द्वारा इस संबधी जारी किए प्राथमिक दिशा निर्देशों का सरेआम उल्लंघन है। श्रीमती बादल ने कहा कि यह समस्या तत्काल हल की जानी चाहिए, क्योंकि यह इंटर्न कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में सरकार की सहायता कर रहे हैं।
अपनी इस चिट्ठी में, जिसकी कॉपी पंजाब के मेडिकल शिक्षा तथा अनुसंधान मंत्री श्री ओपी सोनी को भी भेजी गई है, श्रीमती बादल ने इस बात पर जोर दिया है कि इस संकट के समय में हमारे मेडिकल स्टाफ का मनोबल गिराना राज्य के लिए घातक सिद्ध होगा। उन्होने कहा कि इन मेडिकल इंटर्नज् की समस्याओं का तत्काल समाधान करना चाहिए, क्योंकि यह हमें कोविड-19 से बचाने के लिए अपनी जिंदगियों को खतरेे में डाल रहे हैं। उन्होने कहा कि इससे पहले सरकारी मेडिकल कॉलेज अमृतसर के इंटर्नज् ने भी कम स्टाइपंड का मुद्दा उठाया था, जिसमें राज्य सरकार ने बढ़ाकर 9 हजार रूपए से 15 हजार रूपए प्रति महीना कर दिया था।
ज्ञान सागर मेडिकल कॉलेज बनूड़ के मेडिकल इंटर्न के लिए भी 15 हजार रूपए प्रति महीना स्टाइपंड की मांग करते हुए श्रीमती बादल ने कहा कि कितनी दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि पंजाब सरकार तथा मेडिकल कॉलेज पड़ोसी राज्यों तथा केंद्रीय संस्थानों से कही ज्यादा फीस ले रहे हैं, पर अपने इंटर्न को बहुत कम स्टापंड या बिल्कूल ही स्टापंड नही दे रहे हैं। उन्होने कहा कि इसी तरह की हेराफेरी करने वाले प्राईवेट मेडिकल कॉलेजों के खिलाफ राज्य सरकार तथा केंद्र सरकार को सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होने कहा कि इंटर्नज् का शोषण नही किया जाना चाहिए तथा उनके द्वारा निभाई जा रही सेवाओं के लिए उन्हे प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।