सिख गुरुधामों की अपनी मर्यादा और रिवायत है जिसके अनुसार सिख संस्थाएं देखभाल करती हैं: हरजिंद्र सिंह धामी
तख्त श्री हजूर साहिब नांदेड़ बोर्ड का प्रबंधक गैर-सिख लगाकर सिखों की भावनाओं को ठेस पहुंचाई
कहा सरकारों का सिख मामलों में बिना वजह हस्तक्षेप एक गहरी साजिश
चंडीगढ़, 8 अगस्त (विश्ववार्ता) सरकारों का सिख मामलों में बिना वजह हस्तक्षेप एक गहरी साजिश है जिसको सिख संस्था शिरोमणि कमेटी किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेगी। सिख गुरुधामों की अपनी मर्यादा और रिवायत है जिसके अनुसार सिख संस्थाएं देखभाल करती हैं। ये बात शिरोमणि कमेटी के प्रधान एडवोकेट धामी ने कही। उन्होने कहा तख्त श्री हजूर साहिब नांदेड़ बोर्ड का प्रबंधक गैर-सिख लगाकर सिखों की भावनाओं को ठेस पहुंचाई गई है। यह कभी मंजूर नहीं किया जा सकता कि एक पावन तख्त साहिब का प्रबंधक गैर सिख हो।
धामी ने कहा कि राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग भी इस समय अल्पसंख्यकों का प्रतिनिधित्व करने की जगह सरकार की बोली बोल रहा है।उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यक कमीशन के चेयरमैन इकबाल सिंह लालपुरा शिरोमणि कमेटी के जिस सदस्य ने मांगपत्र सौंपा था, उसने आंतरिक कमेटी की मीटिंग में माफी मांग ली है। उन्होंने कहा कि सरकारी विभाग और सरकारी प्रतिनिधि सिख संस्थानों के आंतरिक मामलों से दूर रहें और अपनी जिम्मेदारी को समझें।