विजीलैंस ब्यूरो द्वारा रिश्वतखोरी के 7 मामलों में 9 मुलजिम नवंबर महीने में गिरफ़्तार
अदालतों द्वारा रिश्वत लेने के दोषी पाए गए 8 मुलजिमों को सज़ाएं और जुर्माने
चंडीगढ़, 12 दिसंबर( विश्ववार्ता) पंजाब विजीलैंस ब्यूरो ने राज्य में भ्रष्टाचार के विरुद्ध चलाई गई मुहिम के दौरान नवंबर महीने के दौरान रिश्वत लेने सम्बन्धी 7 अलग-अलग मामलों में 9 सरकारी कर्मचारियों को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों काबू किया है, जिनमें दो डॉक्टर, दो बिजली कर्मचारी और दो पुलिस कर्मचारी शामिल थे।
इसके अलावा 6 आपराधिक मामले भी दर्ज किए गए हैं, जिनमें 14 मुलजिम शामिल हैं।
आज यहाँ यह जानकारी देते हुए विजीलैंस ब्यूरो के एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि ब्यूरो ने हर क्षेत्र में सार्वजनिक सेवकों और अन्य क्षेत्रों में भ्रष्टाचार पर नकेल कसने के लिए अपनी पूरी कोशिश की। उन्होंने खुलासा किया कि इस समय के दौरान विशेष अदालतों ने विजीलैंस ब्यूरो द्वारा दायर किए और लड़े गए 7 मामलों का फ़ैसला सुनाया, जिनमें 8 अधिकारियों/कर्मचारियों को दोषी ठहराते हुए 3 साल से 7 साल तक की कैद और 10,000 से 60,500 रुपए तक के जुर्माने की सजा सुनाई है।
अधिक जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि लुधियाना के विशेष जज की अदालत द्वारा रिश्वतखोरी के एक केस का फ़ैसला सुनाते हुए सेवा केंद्र, लुधियाना में तैनात कंप्यूटर ऑपरेटर हरकिन्दर सिंह को 4 साल की कैद और 10,000 रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। इसी तरह अतिरिक्त सैशन जज, फिऱोज़पुर की अदालत ने रिश्वतखोरी के एक केस में फिऱोज़पुर शहरी थाने में तैनात सहायक सब-इंस्पेक्टर मेजर सिंह को दोषी करार देते हुए 4 साल की कैद और 10 हज़ार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई गई है।
इसके अलावा बरनाला की अदालत ने रिश्वतखोरी के दो मामलों का फ़ैसला किया है, जिसमें नवल किशोर, जूनियर इंजीनियर, पावरकॉम और चरनजीत सिंह सहायक सब-इंस्पेक्टर, थाना बरनाला को दोषी करार देते हुए 4 साल की कैद और 20,000-20,000 रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। इसी तरह अतिरिक्त सैशन जज, एस.बी.एस. नगर की अदालत ने रिश्वतखोरी के एक केस का फ़ैसला सुनाया है, जिसमें महतपुर, जि़ला एस.बी.एस. नगर में तैनात पटवारी नन्द लाल को दोषी करार देते हुए 3 साल की कैद और जुर्माने की सजा सुनाई है।
उन्होंने अधिक जानकारी देते हुए बताया कि अतिरिक्त सैशन जज एस.ए.एस. नगर की अदालत ने रिश्वतखोरी के दो अलग-अलग मामलों का फ़ैसला सुनाया है, जिसमें अजीत सिंह लौंगिया, नायब तहसीलदार, श्री फतेहगढ़ साहिब को दोषी करार देते हुए 5 साल की कैद और 50 हज़ार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। इसके अलावा सुरिन्दरपाल सिंह सुपरीटेंडैंट इंजीनियर पंजाब मंडी बोर्ड और लाभ सिंह सुपरीटेंडैंट पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड एस.ए.एस. नगर को 7-7 साल की कैद और 60,500 रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है।
प्रवक्ता ने बताया कि विजीलैंस ब्यूरो ने नवंबर महीने के दौरान अलग-अलग अदालतों में 17 विजीलैंस मामलों के चालान पेश किए हैं। इसके अलावा भ्रष्टाचार के मामलों की गहराई से जांच करने के लिए 5 विजीलैंस पड़तालें भी दर्ज की हैं।