यूथ अकाली दल द्वारा किसान आंदोलन के दौरान 300 शहीद किसानों की याद में तथा शहीद भगत सिंह के शहादत दिवस पर सभी जिला मुख्यालयों पर कैंडल मार्च निकाला गया
चंडीगढ़/23मार्च: यूथ अकाली दल ने आज शहीद-ए-आजम शहीद भगत सिंह के शहीदी दिवस पर प्रदेश मे सभी जिला मुख्यालयों पर कैंडल मार्च निकाल तथा 300 किसानों को श्रद्धांजलि दी, जिन्होने अपने प्राणों की आहुति दी है।
यूथ अकाली दल के सदस्यों ने महान शहीद के चित्रों के साथ कैंडल मार्च निकालते हुए उन किसानों के नामों की तख्तियां हाथों में पकड़ी जिन्होने किसान समुदाय के अधिकारों की रक्षा के लिए बलिदान दिया।
यूथ अकाली दल के अध्यक्ष श्री परमबंस सिंह रोमाणा ने फरीदकोट में कैंडल मार्च का नेतृत्व किया, जबकि राज्य भर में इसी तरह के मार्च निकाले गए जिसमें बड़ी संख्या में नौजवानों ने भाग लिया । यूथ अकाली दल अध्यक्ष ने कहा कि जहां शहीद भगत सिंह ने देश के लिए अपने जीवन को न्यौछावर कर दिया था तथा आजादी का बिगुल बजा दिया था जिससे अंततः देश को स्वतंत्रता मिली, किसान आंदोलन में अपने प्राणों की आहुति देने वाले किसान कारपोरेट घरानों के खिलाफ किसानों के अधिकारों के लिए लड़ रहे थे , जो उन्हे गुलाम बनाना चाहते थे, जैसे कि अंग्रेजो ने अतीत में किया था।
श्री परमबंस सिंह रोमाणा ने कहा कि जिस तरह पिछले दिनों पंजाब उपनिवेशीकरण अधिनियम (संशोधन)1906 के नाम से जाने वाले किसान विरोधी कानूनों के खिलाफ पगड़ी संभाल जट्टा आंदोलन हुआा था तथा प्रशासनिक आदेशों में पानी की दर शुल्क में बढ़ोतरी की गई थी, अब उन तीन खेती कानूनों के खिलाफ एक आंदोलन चल रहा है जिसका उददेश्य न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) व्यवस्था के खिलाफ अनाज की सुनिश्चित सरकारी खरीद को समाप्त करना था। उन्होने कहा कि किसान आंदोलन में शहीद हुए किसानों के समुदाय के साथ साथ देश के लिए भी अंतिम बलिदान दिया है। उन्होने कहा कि ‘उनके बलिदान को ठीक वैसे ही याद किया जाएगा जैसे कि हम पगड़ी संभाल जट्टा आंदोलन का नेतृत्व करने वाले भगत सिंह के चाचा अजीत सिंह के बलिदान को याद करते हैं।
कैंडल मार्च में सभी जिला मुख्यालायों पर किसान आंदोलन के साथ साथ शहीदों के साथ एकजुटता व्यक्त करने के लिए यूथ अकाली दल के स्वयं सेवकों में शामिल होने के लिए आगे आने वाले नागरिक बड़ी संख्या में शामिल हुए।