यूक्रेन में फंसे छात्रों को लेकर भगवंत मान ने पीएम मोदी से की अपील
… पढ़ाई बीच में छोड़कर यूक्रेन से वापस आए छात्रों की डिग्री सुनिश्चित करें : भगवंत मान
…केंद्र और राज्य सरकारें प्राइमरी से लेकर उच्च शिक्षा तक सबकी पहुंच सुनिश्चित करे : भगवंत मान
चंडीगढ़, 4 मार्च आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब के अध्यक्ष और सांसद भगवंत मान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से यूक्रेन और यूक्रेन के सीमावर्ती इलाकों में फंसे भारतीय छात्रों को जल्द से जल्द सुरक्षित वापस लाने और युद्ध के कारण बीच में पढ़ाई छोड़ कर भारत लौटने वाले सभी छात्रों की पढ़ाई जारी रखने और अधूरी डिग्री पूरी करने की भारत में ही व्यवस्था करने की अपील की है, ताकि वापस लौटने वाले छात्रों को भविष्य में किसी भी तरह का आर्थिक और शैक्षणिक नुकसान न हो।
शुक्रवार को पार्टी मुख्यालय से जारी एक बयान में, भगवंत मान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील करते हुए कहा कि हजारों भारतीय छात्र, जिनमें ज्यादातर पंजाबी और हरियाणवी छात्र हैं, अभी भी यूक्रेन में फंसे हुए हैं। बड़ी संख्या में माता-पिता और छात्र हनसे संपर्क कर रहे हैं, जो यूक्रेन के कीव और खार्किव एवं यूक्रेन के पड़ोसी देशों हंगरी, पोलैंड, रोमानिया से लगे यूक्रेन की अंतरराष्ट्रीय सीमाओं पर फंसे हुए हैं। इतनी बड़ी संख्या में मिल रही शिकायतों से स्पष्ट है कि भारत सरकार और खासकर भारतीय दूतावास अपनी जिम्मेदारी निभाने में असफल रही है। ऐसी संवेदनशील स्थिति में यूक्रेन के सीमावर्ती देश पोलैंड, हंगरी, बेलारूस, रूस आदि देशों में स्थित भारतीय दूतावासों को दिन-रात एक कर सभी भारतीय छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए थी, लेकिन बेहद दुर्भाग्य की बात है कि भारतीय विदेश मंत्रालय और संबंधित दूतावासों के बीच समन्वय ठीक से नहीं हो रहा है, जिसका खामियाजा भारतीय छात्रों को भुगतना पड़ रहा है।
मान ने कहा कि केंद्र सरकार को यह सुनिश्चित करने के लिए एक समिति का गठन करना चाहिए कि यूक्रेन से लौटने वाले सभी छात्र भारत में ही अपनी पढ़ाई जारी रख सकें और बिना किसी परेशानी के अपनी डिग्री पूरी कर सकें। मान ने दोहराया कि केंद्र और राज्य सरकारों को सार्वजनिक शिक्षा व्यवस्था दुरुस्त करने पर जोर देना चाहिए और कमियों को दूर करने के लिए अच्छी नीतियां और ठोस कदम उठाने चाहिए। जब बुनियादी शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक पहुंच सभी वर्ग के छात्रों के लिए सुलभ होगा, तो छात्रों का पलायन खुद-ब-खुद कम हो जाएगा। मान ने कहा कि विदेश जाने वाले छात्र बेहद प्रतिभावान हैं, लेकिन यूक्रेन जैसे देशों में भारत की तुलना में मेडिकल की पढ़ाई काफी सस्ती है, इसीलिए वे अपना देश छोड़कर इन देशों में पढ़ाई के लिए जाते हैं। उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों की लापरवाही और गलत नीतियों का खामियाजा आज हमारी युवा पीढ़ी को भुगतना पड़ रहा है।