मुल्तानी केस : पूर्व डीजीपी सुमेध सिंह सैनी की गिरफ्तारी किसी भी पल संभव
चंडीगढ 27 अगस्त (विश्ववार्ता): आईंएएस अधिकारी के बेटे बलवंत सिंह मुल्तानी के अपहरण और कत्ल मामले में धारा 302 के तहत पूर्व डीजीपी सुमेध सिंह सैनी की गिरफ्तारी किसी भी पल हो सकती हेै क्योकि मोहाली कोर्ट द्वारा सैनी को 3 दिन के दिये नोटिस की अवधि खत्म हो गई है। आज मोहाली कोर्ट से पूर्व डीजीपी सुमेध सिंह सैनी को किसी भी तरह की राहत नही मिली। मोहाली कोर्ट मे 302 केस मे जमानत के लिए जो अर्जी डाली है उस पर अदालत अपना फैसला 29 अगस्त के लिए सुरक्षित रख लिया है। यह भी पता चला है कि सुमेध सैनी को पकडऩे के लिए एसआईटी की टीमें निकल पडी है।
ये है पूरा मामला
पूर्व डीजीपी सुमेध सिंह सैनी, यूटी पुलिस के एक रिटायर्ड एसपी बलदेव सिंह, दिवंगत डीएसपी सतबीर सिंह, रिटायर्ड इंस्पेक्टर हरसहाय, अनोख सिंह, जगीर सिंह और अन्यों के खिलाफ मटौर पुलिस थाने में अपहरण और अन्य धाराओं के तहत 6 मई को मामला दर्ज किया गया था। यह मामला तब का है जब सुमेध सिंह सैनी चंडीगढ़ के एसएसपी थे। मुल्तानी को सुमेध सिंह सैनी पर चंडीगढ़ में हुए आतंकी हमले के बाद पकड़ा गया था। हमले में सैनी की सुरक्षा में तैनात चार पुलिकर्मी मारे गए थे। आरोप है कि 1991 में सैनी की हत्या के विफल प्रयास के बाद पुलिस ने मुल्तानी को गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तारी के बाद बलवंत सिंह को जेल मे टार्चर किया गया है, फिर बताया गया कि बलवंत की गिरफ् से भाग गया। वहीं परिजनों का कहना था कि बलवंत की पुलिस के टॉर्चर से मौत हो गई थी। 2008 में पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के निर्देशों पर चंडीगढ़ सीबीआई ने इस मामले में प्रीमिलनरी इंक्वायरी शुरू की जिसके बाद 2008 में सीबीआई ने सैणी के खिलाफ केस दर्ज कर लिया। जिसके बाद पूर्व डीजीपी सुमेध सिंह सैनी, यूटी पुलिस के एक रिटायर्ड एसपी बलदेव सिंह, दिवंगत डीएसपी सतबीर सिंह, रिटायर्ड इंस्पेक्टर हरसहाय, अनोख सिंह, जगीर सिंह और अन्यों के खिलाफ मटौर पुलिस थाने में अपहरण और अन्य धाराओं के तहत 6 मई को मामला दर्ज किया गया था। जिसके बाद अब नए फैक्ट्स पर पंजाब पुलिस ने पिछले महीने 7 मई को सैणी के खिलाफ आईपीसी की धारा 364 (अपहरण या हत्या के लिए अपहरण), 201 (साक्ष्य मिटाने के कारण), 344 (गलत तरीके से कारावास), 330 और 120बी (आपराधिक साजिश रचना) के तहत केस दर्ज किया था