मुख्य सचिव ने बताया कि शाही शहर की सुंदरता को और बढ़ाने के लिए 208.33 करोड़ रुपए की लागत के साथ बड़ी और छोटी नदी का कायाकल्प किया जा रहा है। उन्होंने सम्बन्धित अधिकारियों को अगले अक्तूबर तक इस प्रोजैक्ट को मुकम्मल करने के निर्देश दिए। किला मुबारक के आसपास विरासती स्ट्रीट प्रोजैक्ट का निर्माण कार्य जंगी स्तर पर चल रहा था। इस प्रोजैक्ट में 43.63 करोड़ रुपए की लागत के साथ एच.टी. और एल.टी. पावर सपलाई केबलों को धरती नीचे डालना और 2 किलोमीटर हिस्से में लाल ग्रेनाइट पत्थर लगाना शामिल होगा। इसके साथ ही जगह की बचत के लिए कम्पैकट सबस्टेशन ट्रांसफर्मर लगाए जाएंगे, स्टील प्लेटों के साथ अग्रभाग को संवारा जायेगा और जानकारी देने और रास्ता बताने के लिए साईन बोर्ड लगाए जाएंगे। इसके इलावा राष्ट्रीय महत्ता वाले स्मारक के सौंदर्यीकरण के लिए कलाकृति की मूर्तियाँ और कलात्मक स्ट्रीट लाईटें लगाई जाएंगी। इसके साथ ही सी.सी.टी.वी. कैमरे लगाने के साथ साथ ओपन एयर एम्फीथिएटर का निर्माण भी किया जायेगा।
डिप्टी कमिशनर ने मुख्य सचिव को बताया कि डेरियों को आधुनिक सहूलतों के साथ शहर में से तबदील करने का काम जोर-शोर से जारी है। पहले पड़ाव के अंतर्गत कुल 132 प्लाटों में से 115 प्लाट पहले ही सभी इच्छुक डेयरी मालिकों को अलाट किये जा चुके हैं।
मुख्य सचिव ने डिप्टी कमिश्नर को कहा कि डेरियों को तय डेयरी प्रोजैक्ट वाली जगह पर तबदील करने के लिए 30 सितम्बर की आखिरी समय सीमा पर अमल किया जाये।
मुख्य सचिव ने ट्रांसपोर्ट विभाग को मुख्य ईमारत का काम नवंबर तक मुकम्मल करने के लिए भी कहा।
ट्रांसपोर्ट विभाग के प्रमुख सचिव के. सिवा प्रसाद ने मुख्य सचिव को बताया कि वर्कशाॅप का काम अगले मार्च महीने तक पूरा कर लिया जायेगा जबकि सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रौजैक्ट पर बाहरी काम 7 जून को अलाॅट होने के बाद शुरू हो गया है।
महाराजा भुपिन्दर सिंह स्पोर्टस यूनिवर्सिटी प्रोजैक्ट के काम की निगरानी के लिए एक विशेष चीफ़ इंजीनियर को नियुक्त किया गया है और 53 करोड़ रुपए के कामों की प्रशासनिक मंज़ूरी दे दी गई है।
श्रीमती महाजन ने प्रोजैक्ट के काम को समयबद्ध ढंग से चलाए जाने को यकीनी बनाने के लिए बाकी ज़रुरी फंड जारी करने के लिए वित्त विभाग को हिदायत की।
पर्यटन और सांस्कृतिक मामलों बारे विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव संजय कुमार ने मुख्य सचिव को बताया कि महेन्द्रा कोठी की मुरम्मत और मैडल गैलरी को तबदील करने का काम 30 सितम्बर तक मुकम्मल हो जायेगा।
स्थानीय निकाय विभाग के प्रमुख सचिव अजोए कुमार सिन्हा ने मीटिंग दौरान बताया कि शहर में लैगेसी वेस्ट की बायोरैमीडीएशन का काम सभ्यक ढंग से चल रहा है और इस उद्देश्य के लिए अलग-अलग आकार की तीन विशेष मशीनें लगाई गई हैं। पूरी लैगेसी वेस्ट को चारों तरफ़ लैमीनेटिड शीटों की एक चारदीवारी के साथ रखा गया है। अब तक 2.5 लाख टन के लैगेसी वेस्ट को 55 प्रतिशत तक घटा दिया गया है।
मुख्य सचिव ने विभाग को दिसंबर तक प्रोजैक्ट पूरा करने के लिए कहा है।
बस स्टैंड को तबदील करने की योजना, राजिन्द्रा अस्पताल में विभिन्न विकास कार्यों और बसेरा स्कीम अधीन शहरी झुग्गी-झौंपड़ियों के पुनर्वास की प्रगति की भी समीक्षा की गई।
मीटिंग में मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव तेजवीर सिंह, अतिरिक्त मुख्य सचिव-कम-पी.एस.पी.सी.एल. के चीफ़ मैनेजिंग डायरैक्टर ए. वेनू प्रसाद, वित्त विभाग के प्रमुख सचिव के.ए.पी. सिन्हा, लोक निर्माण विभाग के प्रमुख सचिव विकास प्रताप, उद्योग विभाग के प्रमुख सचिव आलोक शेखर और योजनाबंदी विभाग के प्रमुख सचिव राज कमल चौधरी भी शामिल हुए।