दिल्ली, 7 जून(विश्ववार्ता) सभी स्वस्थ लोगों को फैब्रिक मास्क पहनना अनिवार्य होना चाहिए। फैब्रिक मास्क में तीन परतें होनी चाहिए। इसमें सूत का अस्तर, पोलिएस्टर की बाहरी परत और बीच में पोलिप्रोपायलीन की बनी ‘फिल्टर’हो। जो लोग बीमार हैं, वे ही केवल मेडिकल ग्रेड का मास्क पहनें।
सभी देशों की सरकारें आम जनता को मास्क पहनने के लिए प्रोत्साहित करें। जहां संक्रमण ज्यादा है, वहां के लोगों को हर हाल में मास्क पहनना चाहिए। इसके साथ ही भीड़भाड़ वाली जगहों जैसे रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, अस्पताल और दुकानों में भी मास्क पहनना बेहद जरूरी है।
जिन जगहों पर संक्रमण का स्तर बहुत ज्यादा है, वहां सभी लोगों को मेडिकल-ग्रेड का मास्क ही इस्तेमाल करना चाहिए। अस्पतालों में स्वास्थ्य कर्मियों के साथ ही मरीजों और वहां मौजूद सभी लोगों को मेडिकल- ग्रेड का मास्क पहनना होगा।
मास्क के कुछ नुकसान भी हैं। कपड़े का मास्क गीला होने पर बदला न जाए तो संक्रमित होने का खतरा बढ़ जाता है। इसके साथ ही मास्क लगाने वाले लोग खुशफहमी का शिकार हो जाते हैं और सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान नहीं देते। डब्ल्यूएचओ ने बताया कि कोरोना से बचने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग और हाथों को समय पर धोन भी बेहद जरूरी है