भाई-बहन के परस्पर प्रेम तथा स्नेह का त्यौहार भैया दूज आज
गोवर्धन पूजा भी आज
चंडीगढ़, 14 नवंबर (विश्ववार्ता) देशभर मे आज कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि पर हर वर्ष भाई-बहन के परस्पर प्रेम तथा स्नेह का त्यौहार भैया दूज मनाया जाता है। इस दिन बहनें अपने भाई की लम्बी उम्र के लिए पूजा करती हैं। इस पर्व को यम द्वितीया भी कहा जाता है। इसका मुख्यत: संबंध यम तथा उनकी बहन यमुना से है। बचपन में एक साथ खेलते हुए बड़े होना और ढेर सारी स्मृतियों, शरारतों एवं प्यार को सारी उम्र याद रखना, बहन के दुख-दर्द के समय भाई का भगवान श्री कृष्ण के समान दौड़े चले आना और भाई की मंगल-कामना के लिए बहन का हर समय प्रार्थना करना, किसी भी मिसाल से ऊपर ही रहता है।
चांद की चांदनी के समान शीतल और सागर की गहराइयों के समान इस गंभीर रिश्ते का बंधन बहुत मजबूत होता है। दीपावली यदि दीयों का पर्व है, तो भैया दूज कुमकुम और अक्षत के तिलक से सजा ऐसा पर्व है, जिसका इंतजार बहनों को सारा साल रहता है। इस अवसर पर भाई दूर हो या पास, बहन के घर तिलक लगवाने जरूर जाता है और बहन अपने भाई के माथे पर तिलक लगाकर उसकी लम्बी उम्र की कामना करती है।
वही आज कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को गोवर्धन पूजन करने का विधान है। इस तिथि को अन्नकूट के नाम से जाना जाता है क्योंकि इस दिन घरों में अन्नकूट का भोग बनाया जाता है। गोवर्धन पूजा का पर्व दिवाली के दूसरे दिन मनाया जाता है लेकिन इस बार अमावस्या तिथि दो दिन होने की वजह से गोवर्धन पूजन 14 नवंबर को मनाया जा रहा है। इस दिन श्रीकृष्ण के स्वरूप गोवर्धन पर्वत(गिरिराज जी) और गाय की पूजा का विशेष महत्व होता है।