भगवंत मान ने आॅडियों क्लिप तथा मीटिंग कार्रवाई के विवरण जारी करके अपने पर गोल कर लिया है, इससे स्पष्ट हो गया है कि ‘आप’ ने भाजपा के खेती कानूनों के आगे आत्मसमर्पण कर दिया है: श्रीमती हरसिमरत कौर बादल
कानूनों के खिलाफ इस्तीफा देने से ज्यादा रोष प्रदर्शन प्रकट करने का ज्यादा अच्छा तरीका क्या हो सकता है?
चंडीगढ़/23मार्च: पूर्व केंद्रीय मंत्री तथा शिरोमणी अकाली दल की वरिष्ठ नेता श्रीमती हरसिमरत कौर बादल ने आज भगवंत मान की प्रेस कांफ्रेस तथा स्थायी कमेटी की कार्यवाही की आॅडियों क्लिप जारी स्पष्ट कर दिया है कि आप ने भाजपा के आगे खेती कानूनों पर आत्मसमर्पण कर दिया है तथा कहा कि मान तथा उनकी पार्टी ने उक्त बैठक में यां संसद में विवादास्पद किसान विरोधी विधेयकों का विरोध नही किया ।
उन्होने कहा कि दोगुली बातें करने वाले इस अधिनियम में फंस गए हैं तथा खुद इस बात का स्पष्ट सबूत प्रदान करते हैं कि कैसे भगवंत मान तथा आप ने सार्वजनिक रूप् से इनका विरोध करने का नाटक करते हुए इन तीन अधियिमों पर भाजपा के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया है। इस समय वे उसके साथ चल रहे हैं। श्रीमती बादल ने कहा कि आज शाम यहां एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि स्पष्ट रूप वे चालाकी की सीमा तक पहुंच गए है ंकि उन्होने अंजाने में खुद के खिलाफ मामला उलझा लिया है।
श्रीमती बादल ने कहा कि ‘ प्रकति इस तरह से उनके खिलाफ काम करती हैं जो लोगों को हमेशा मुर्ख बना सकते हैं।
उन्होने कहा कि मान द्वारा जारी पूरे आॅडियों तथा मिन्टों में विरोध यां उक्त अधिनियमों को अस्वीकार करने के लिए एक शब्द भी नही कहा तथा न ही उन्हे किसानो ंको होने वाले नुकसान के खिलाफ अपने यां पार्टी के विरोध को व्यक्त करते हुए आप सुन सकते हैं। ‘ केवल एक चीज आप सुन सकते हैं वो है आवश्यक वस्तु अधिनियम पर स्पष्टीकरण की मांग है। श्रीमती बादल ने कहा कि वह अध्यक्ष के सामने चापलूसी कर रहे हैं जबकि जनता को मूर्ख बनाने के लिए सार्वजनिक रूप से उंची आवाज में बोलते हैं।
अकाली नेता ने आगे कहा कि उन्हे खुशी है कि उनकी पार्टी द्वारा आॅडियों क्लिप ने उनका चिटठा खोलकर रख दिया है जोकि उनके अपराध को उजागर करता है। ‘ अगर हमने ऐसा किया होता तो वह आदतन हम पर आॅडियो क्लिप के साथ छेड़छाड़ के आरोप लगाता।
मान के इस आरोप का उपहास उड़ाते हुए कि शिरोमणी अकाली दल तथा श्रीमती आदल ने कैबिनेट मीटिंग के दौरान चुपके से अधिनियम का समर्थन किया, श्रीमती बादल ने कहा कि क्या इस आदमी को भी पता है कि वह किस बारे में बात कर रहा है? संसद को छोड़कर आप किसी विधेयक का कहां विरोध करते हैं? इन अधिनियमों के विरोध में मंत्रिमंडल छोड़ने तथा मंत्रिमंडल द्वारा अस्वीकार करने का इससे प्रभावी ढ़ंग क्या हो सकता है जोकि कैबिनेट ने पास किया हो? क्या उन्हे यह बताने की जरूरत है कि हमने देश का सबसे पुराना राजनीतिक गठबंधन क्यों तोड़ा? पूर्व केंद्रीय मंत्री से पूछा जिन्होने तीनो किसान अधिनियमों के विरोध में सरकार के इंकार के विरोध में इस्तीफा दे दिया था। हम एकमात्र ऐसे राजनीतिक दल हैं जिसने अधिनियम का आधिकारिक रूप् से निर्भीकता से पूर्ण सार्वजनिक रूप से विरोध किया है , बजाय कि आप जैसे वाॅकआउट का नाटक करने के जिन्होनेे अधिनियम के खिलाफ मतदान करने से इंकार कर दिया?