पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट ने शिक्षा व वित्त विभाग के प्रधान सचिव को लेकर जारी किए ये आदेश
शिक्षकों को सेवा लाभ जारी होने तक वित्त और शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिवों का वेतन रोकने का किया आदेश जारी
चंडीगढ, 13 दिसंबर (विश्ववार्ता) पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब में सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षकों को अपने अधीन लेने के बाद पूर्व में दी गई सेवाओं को जोडऩे के हाईकोर्ट के आदेश का पालन न करना अधिकारियों को भारी पड़ गया। हाईकोर्ट ने इन शिक्षकों को सेवा लाभ जारी होने तक वित्त और शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिवों का वेतन रोकने का आदेश जारी किया है।
साल 2018 में पंजाब में सरकारी अनुदान वाले स्कूलों में कार्यरत टीचर्स को सरकारी स्कूलों के अध्यापकों के समान वेतन व अन्य लाभ दिए जाने के आदेश दिए थे लेकिन आज तक उक्त आदेशों की पालना नहीं हुई। सरकार ने हाईकोर्ट के उक्त आदेशों को चुनौती भी दी थी और सुप्रीम कोर्ट तक गई थी लेकिन सरकार की अपील खारिज हो गई थी। उसके बाद भी सरकार ने हाईकोर्ट के आदेशों पर अमल नहीं किया।
टीचर्स की ओर से हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दाखिल कर दी गई, जिस पर हुए नोटिस के जवाब में सरकार की ओर से अगस्त 2023 में कहा गया कि उक्त आदेशों के तहत सरकार टीचर्स को वेतन देने की प्रक्रिया को अंतिम रूप देने के लिए प्रयासरत है। वर्तमान सुनवाई के समय एक बार फिर सरकार के अधिवक्ता ने वही जवाब दिया कि सरकार हाईकोर्ट के आदेशों को लागू करने के लिए प्रयासरत है। सरकार के इस रवैये से नाराज कोर्ट ने उक्त दोनों विभागों के प्रधान सचिवों का वेतन तब तक जारी नहीं करने के आदेश दिए हैं, जब तक हाईकोर्ट के साल 2018 वाले आदेश लागू नहीं कर दिए जाते।