पंजाबी भाषा अब पंजाब के सभी मील पत्थरों और नेमप्लेट में होगी सबसे ऊपर
-मान सरकार ने सभी विभागों के विभागाध्यक्षों को जारी किए आदेश
-मुख्यमंत्री मान के इस फैसले से पंजाबी भाषा को मिलेगा बढ़ावा : मलविंदर कंग
चंडीगढ़, 6 जून पंजाब के सभी सरकारी कार्यालयों में पंजाबी भाषा का उपयोग सुनिश्चित करने के लिए भगवंत मान सरकार ने बुधवार को राज्य के सभी सरकारी विभागाध्यक्षों को निर्देश दिया है कि वे अपने विभाग में नाम, साइन बोर्ड और नेमप्लेट आदि में पंजाबी भाषा का उपयोग करें एवं पंजाबी को आधिकारिक भाषा के रूप में उपयोग करने के सरकार के निर्देश का सख्ती से पालन करें।
आप के मुख्य प्रवक्ता मलविंदर सिंह कंग ने सरकार के इस फैसले की तारीफ करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान के इस पहल से पंजाबी भाषा को काफी बढ़ावा मिलेगा। राज्य के लोगों की मातृभाषा को बढ़ावा देना सरकार का प्राथमिक और नैतिक कर्तव्य है।
उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा एवं भाषा विभाग ने यह आदेश पंजाब राज्य भाषा अधिनियम-1967 की धारा 4 और पंजाब राजभाषा (संशोधित)अधिनियम-2008 के तहत जारी किया है। आदेश के अनुसार, सभी सरकारी और अर्ध-सरकारी संस्थानों, बोर्डों, निगमों और शैक्षणिक संस्थानों के लिए सभी विभाग के नाम, साइन बोर्ड, सड़क पर बने मील के पत्थर, और सड़कों के नाम पंजाबी भाषा की गुरुमुखी लिपि में लिखना अनिवार्य कर दिया गया है।
कंग ने कहा कि यदि किसी अन्य भाषा को भी लिखने की आवश्यकता पड़ती है, तो उसे भी नीचे छोटे फॉन्ट में लिखा जाएगा।
उन्होंने कहा कि सरकार के फैसले का सही भावना से अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए उच्च शिक्षा और भाषा विभाग के मुख्य सचिव कृष्ण कुमार द्वारा राज्य के सभी बोर्डों और निगमों, अर्ध-सरकारी संगठनों के अध्यक्षों, राज्य के सभी सरकारी विभागों के प्रमुखों, संभागीय आयुक्तों, उपायुक्तों, जिला सत्र न्यायाधीशों, सचिव पंजाब विधानसभा, रजिस्ट्रार पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय को एक पत्र भेजा गया है।