दुनिया मे कोरोना से मरने वालो की संख्या बढक़र 28,376 हुई
संक्रमित व्यक्तियों की संख्या 617,084
दिल्ली, 28 मार्च (विश्ववार्ता): कोरोनावायरस ने पूरी दुनिया में मौत का ताडंव मचा रखा है हर दिन मौत का आकंडा बढता जा रहा है, कोरोना का संक्रमण अब तक 28,376 लोगो की जिंदगी को खत्म कर चुका है और संक्रमित व्यक्तियों की संख्या बढकर 617,084 हो गई है।
कोरोनावायरस से लडऩा है तो सावधानियां बरतें
दुनियाभर में फैले कोरोनावायरस के बारे में सही जानकारी नहीं होने के चलते लोगों के मन में डर है। वहीं, लोग कुछ ऐसे एहतियात भी बरत रहे हैं, जो जरूरी नहीं है।
प्रश्न: हम जो कपड़े रोजाना पहन रहे है क्या उनसे संक्रमण हो सकता है?
हां
. क्या मोबाइल, कम्प्यूटर-लैपटॉप से भी संक्रमण हो सकता है?
बिल्कुल।
. क्या यह वायरस हवा में भी रहता है?
बिल्कुल रहता है। हवा से धीरे-धीरे सरफेस पर आता है। हवा में कई मिनटों तक रहता है। इसलिए बाहर न निकलने की अपील की जा रही है।
. किसी को संक्रमण नहीं है, फिर भी उससे दूरी बनाना जरूरी है?
हर व्यक्ति से दूरी जरूरी है। घर पर हैं, तब भी परिवार के लोगों से कम से कम 1 मीटर का डिस्टेंस रखें। किसी के जरिए भी संक्रमण फैल सकता है।
. कोरोनावायरस की जांच किसे करवाना चाहिए? क्या जिन लोगों को हल्का कफ-बुखार है, उन्हें भी जांच करवानी चाहिए?
हल्की सर्दी-खांसी, कफ के साथ ही यदि बुखार भी है, तब भी कोरोनावायरस की जांच करवाने की जरूरत नहीं है। जांच करवाने के दो मुख्य क्राइटेरिया हैं। पहला, यदि आपने पिछले दिनों में विदेश का सफर किया हो। दूसरा, आप किसी ऐसे व्यक्ति के संपर्क में आए हों, जिसमें कोरोनवायरस की पुष्टि हो चुकी हो। वरना इस बदलते हुए मौसम में सर्दी-खांसी होना बहुत ही आम बात है।
यदि ऑफिस या घर में मेरे किसी साथी को संक्रमण हुआ है तो क्या करना चाहिए?
यदि आप उसके संपर्क में आए हैं तो तुरंत सेल्फ क्वारेंटाइन हो जाएं।
. वायरस कितनी दूर तक मुझे अपना शिकार बना सकता है?
किसी भी संक्रमित व्यक्ति के 1 मीटर के आसपास तक आप गए हैं, तो आपके भी संक्रमित होने की बहुत ज्यादा संभावना है। वायरस के ड्रॉपलेट्स 1 मीटर के दायरे तक फैलते हैं, इसलिए कहा जाता है कि हर किसी से कम से कम 1 मीटर तक की दूरी तो जरूर बनाएं।
. क्या कोरोनावायरस किसी व्यक्ति को दोबारा हो सकता है?
बिल्कुल हो सकता है, लेकिन दोबारा होने पर इसके संक्रमण का असर पहला जितना खतरनाक नहीं होगा।
क्या इससे सुरक्षित रहने का इकलौता विकल्प सोशल डिस्टेंसिंग ही है?
भारत के लिहाज से यही सबसे अच्छा विकल्प है। कई देशों में इसे फॉलो किया जा चुका है। जहां सकारात्मक नतीजे सामने आए हैं।