ट्रक चालको द्वारा किये गये चक्का जाम को लेकर लेकर केंद्रीय गृह सचिव ने बुलाई आपात बैठक
जानियें क्या है पूरा मामला
चंडीगढ़, 2 जनवरी (विश्ववार्ता) सडक़ों पर दौड़ रहे वाहनों से किसी की दुर्घटना या मौत हो जाने पर केंद्र सरकार के द्वारा लाये गये कानून के विरोध मे ट्रक चालको द्वारा पूरे देश मे चक्का जाम कर दिया गया है जिसको लेकर पेट्रोल पंपो पर भगदंड मच गई है और तेल खत्म हो गया है। देश मे बिगडे हालातो के बीच उधर केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने शाम 7 बजे ट्रांसपोर्टरों के साथ बैठक बुला ली है। 95 फीसदी ट्रांसपोर्टरों ने ट्रकों को सडक़ों से हटाते हुए हड़ताल का ऐलान कर दिया. जिसके कारण पूरे देश में हाहाकार मच गया और पेट्रोल पंपों पर भी पेट्रोल और डीजल खत्म हो गया और ईंधन लेने के लिए वाहनों की लंबी लाइनें भी लग गईं।
जानें क्या है पूरा मामला
भारत सरकार ने हाल ही में कानून में कई बड़े बदलाव करते हुए ब्रिटिश भारतीय दंड संहिता को भारतीय दंड संहिता में बदल दिया है। इनमें से एक प्रमुख बदलाव सडक़ दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों से संबंधित है। देश में सडक़ हादसों से होने वाली मौतों की संख्या 5 लाख के पार पहुंच गई है। इसलिए अब ‘हिट एंड रन’ मामलों में सजा का प्रावधान 2 साल से बढ़ाकर 10 साल कर दिया गया है। इसके विरोध में देशभर के ट्रांसपोर्ट संगठन हड़ताल पर चले गए हैं।
स्पोट्र्स एसोसिएशन ने देश में ट्रक, टेम्पो को पूरी तरह से बंद कर दिया है और सडक़ों पर निजी वाहनों को रोका जा रहा है और उनके साथ दुव्र्यवहार किया जा रहा है। ट्रांसपोर्ट संगठनों का कहना है कि इस कानून के बाद देश में कोई भी व्यक्ति ट्रांसपोर्ट में ड्राइवर की नौकरी नहीं करेगा और अगर कोहरे या अन्य कारणों से कोई दुर्घटना होती है तो ड्राइवर को भारी सजा भुगतनी पड़ेगी।ट्रांसपोर्ट के इस चक्के जाम का सीधा असर देशभर के कारोबार पर पड़ रहा है। पंजाब भर में 134 ट्रांसपोर्ट यूनियन हैं, जो 70,000 से अधिक ट्रक और टेम्पो का संचालन करते हैं।